मेरा नाम राधा है और मैं आपको एक सच्ची कहानी सुनाने जा रही हूँ. मेरी
उम्र 24 साल है. यह बात एक साल पहले की है मेरी शादी को 8 महीने हो चुके
थे पर अभी तक कोई बच्चा नहीं है. मेरे पति एक कंपनी में काम करते हैं और
वे काम के सिलसिले में अक्सर बाहर जाते रहते हैं. मेरी सास नहीं हैं केवल
घर में मेरे ससुर हैं वो फ़ौज़ से रिटाइर हुए हैं. बच्चा ना होने से
हमारे घर का माहोल सदा सूना ही रहता है हमने चेकप भी कराया है. रिपोर्ट
में मेरे पति में कमी आई है लेकिन मेरे पति यह मानने को तैयार ही नहीं
हैं कि उनमें कोई कमी है. वो कहते हैं समय आने पर बच्चा हो जाएगा. लेकिन
मैं और मेरे ससुर चिंतित रहते हैं. मेरे ससुर तो कई बार मुझसे पोते की
ज़िद कर चुके हैं और कह चुके हैं की मुझे पोता हर हाल में चाहिए. इस
समस्या का समाधान करने की मैने एक प्लॅनिंग की. मैने सोचा क्यों न मुझे
अपने ससुर से ही बच्चा पैदा करवाना चाहिए. इसके लिए मैं मौके की तलाश में
रहने लगी.
एक दिन मेरे पति काम के सिलसिले में दो दिन के लिए बाहर गये. मैं इसी
मौके की तलाश में थी. जबसे मेरी शादी हुई है तबसे मैं देख रही हूँ की
मेरे ससुर अक्सर मुझे अश्लील निगाहों से घूरते रहते हैं मैं शरमा कर सर
नीचे कर लेती हूँ. मैने उनकी नज़रों में हवस देखी है. उस दिन मैं रसोई
में रात का खाना बना रही थी ससुरजी अपने कमरे में थे. तभी मैं दर्द का
बहाना बना कर चिल्लाने लगी. ससुरजी दौड़े- दौड़े आए और बोले क्या हुआ
बहू. मैं बोली पिताजी कमर में मोच आ गयी है अब क्या होगा. वो बोले चिंता
की कोई बात नहीं बहू मैं हूँ ना. मैं बोली पिताजी खड़ा नहीं हुआ जा रहा
है. वो बोले मैं तुम्हे कमरे में ले चलता हूँ. ऐसा कहकर उन्होने मुझे कमर
से पकड़ा और मुझे बेडरूम की तरफ ले कर चलने लगे. उनके हाथों के स्पर्श से
मैं उतेज़ित होने लगी. चलते-चलते मेरा हाथ उनके पायजामे में लंड से छू
गया मैंने हड़बड़ा कर हाथ हटा लिया. उनकी होठों पर हल्की सी मुस्कान आ
गयी. मैं समझ गयी की उन्हे भी यह अच्छा लगा.
उन्होने मुझे बेड पर लिटा दिया और बोले मैं डॉक्टर को बुलाता हूँ. मैं
बोली पिताजी मेरी अलमारी में तेल की शीशी रखी है यदि आपको कोई ऐतराज न हो
तो आप मेरी कमर पे लगा दीजिए मुझे उससे आराम हो जाएगा. वो बोले क्यों
नहीं मैं अभी लगता हूँ. ऐसा कहकर वो तेल की शीशी ले आए.
वो बोले बहू तुम पेट के बाल लेट जाओ मैं तेल लगा देता हूँ. मैं पेट के
बाल लेट गयी. मैं बोली पिताजी मेरी साड़ी उतार दीजिए नहीं तो इसमे तेल लग
जाएगा. वो ये सुनकर हड़बड़ा गये और बोले तुम ही उतार लो बहू. मैं बोली
मुझसे हिला नहीं जा रहा है आप ही खोल दीजिए ना. वो अपना हाथ मेरी कमर पर
लाए और साड़ी खोलने लगे मैं पेट के बल उचक गयी जिससे साडी आराम से निकल
जाए. अब मैं केवल पेटिकोट और ब्लाउज़ में थी. मैने कहा पिताजी मेरे
ब्लाउज़ के हुक खोल कर तेल लगाइए ना. उन्होने ब्लाऊज़ के हुक खोले और तेल
लगाने लगे. उनके हाथों के स्पर्श से मैं उत्तेजित हो गयी तभी मेरी नज़र
उनके पाइज़ामे पर पड़ी मैने देखा की उनका लंड खड़ा हो गया है वो किसी तरह
उसे शांत कर रहे थे मैं यह देख कर मुस्कराने लगी. मैं बोली पिताजी
पायज़ामा उतार दीजिए नहीं तो तेल लग जाएगा. वो बोले हाँ बहू तुम ठीक कहती
हो ऐसा कहकर उन्होने पायज़ामा उतार दिया अब वो सिर्फ़ नेकर में थे.
वो मेरी कमर पर तेल लगाते हुए बोले बहू पूरी कमर पर नहीं लग रहा है मैं
बोली मेरी ब्रा के हुक खोल दीजिए उन्होने काँपते हुए हाथो से मेरी ब्रा
के हुक खोल दिए मैने ब्रा को अलग कर दिया. अब उनका हाथ मेरी चुचियों तक
जाने लगा उनके स्पर्श से मैं उत्तेजित हो गयी और बोली पिताजी थोड़ा और
नीचे तक लगाइए ना. वो बोले नीचे पेटिकोट है हाथ नही जा रहा है. ऐसा सुनकर
मैने पेटिकोट कन नाडा खोल दिया और बोली की अब जितनी इच्छा हो पेटिकोट
नीचे कर लीजिए. ऐसा सुनकर वो खुश हो गये और मेरा पेटिकोट घुटनों तक नीचे
कर दिया. अब मैं उनके सामने पेंटी में थी. मुझे शर्म भी आ रही थी. अब वो
मालिश करते-करते अपने हाथ को मेरी पेंटी के अंदर डाल देते और मेरे चूतड़ो
को मलने लगते. मेरी चूत गीली हो गयी.
अब वो धीरे-धीरे मेरे पेटिकोट को नीचे करते गये और फिर उन्होने उसे निकल
दिया मैने कुछ नहीं कहा. अब वो मेरी टांगो पर भी तेल लगाने लगे. अब उनके
हाथ मेरी गांड तक जाने लगे. और पता नहीं कब उन्होने अपना नेकर उतार दिया
उनका लंड मेरे चूतडो को छूने लगा. फिर उन्होने मेरी पेंटी भी उतार दी और
मेरे उपर लेट कर बोले बस बहू अब और नहीं सहा जाता अब तो अपनी चूत दे दो.
मैं बोली पिताजी चूत मरवाने के लिए ही तो ये सब नाटक किया है. वो बोले सच
मैने कहा हां .ऐसा कहकर उन्होने मुझे पलट कर सीधा कर दिया. अब मेरी चूत
उनके सामने और उनका लंड मेरे सामने था. वो मेरी चूत को देख कर बोले ऐसी
मस्त चूत मैने पहले कभी नहीं देखी. क्या मस्त माल है फिर वो मेरी चूत को
चाटने लगे. मेरी सिसकियाँ निकलने लगी. फिर मैं उठकर उनका लंड मुँह में भर
कर चूसने लगी. वो मेरे चुचे दबाने लगे. मैं उत्तेजित हो कर बोली ससुर जी
अब देर ना करो लोहा गरम है ठोक दो मेरी चूत अपने लंड से.
उन्होने मुझे सीधा लिटाया और मेरी टाँगे फैला दी अब अपने लंड को मेरी चूत
के मुँह पर लाकर ज़ोर का धक्का मारा की लंड का सूपड़ा अंदर चूत को चीरता
हुआ घुस गया. मैं दर्द से बिलबिला पड़ी मैं चीखने लगाई हाय मरी…..फट गयी
मेरी उह……छोड़ो आह…… ससुर जी कहाँ रुकने वाले थे उन्होने धक्का मारना
चालू रखा थोड़ी देर में सारा लंड अंदर घुस गया. मैं बोली आपने फाड़ डाली
इतना मोटा लंड है जैसे किसी सांड़ का हो. वो बोले बहू तेरी चूत भी बड़ी
टाईट है मेरा लंड फँसा हुआ है फिर उन्होने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू
किए अब मुझे मज़ा आने लगा मैं बोली फाड़ डालो मेरे बलम मेरी चूत आह….
उई…. आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आहह……………मारो मेरी चूत फाड़ डालो अपने
लंड से मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बनूँगी वो बोले क्या चूत है
ओह……आह…..उह…….वो बोले ऐसी चूत तो तेरी सास की भी नहीं थी मुझे पता होता
की मेरी बहू की ऐसी मस्त चूत होगी तो तुझे ब्याह के पहले ही न ले आता.
मैं बोली मुझे पता होता की मेरे ससुर का सांड जैसा लंड है तो मैं आपसे ही
शादी करती. कमरे मै च….. खच….. पच…… फ़चफ़च……….. फ़चाफ़च…..की आवाज़ें
गूंजने लगी. वो बोले अब तो तेरी ही चूत मारा करूँगा बहू बोल मरवाएगी ना.
मैं बोली अब तो मैं आपकी हूँ जब चाहो मुझे चोद लिया करो बालम. थोड़ी देर
बाद ससुर ने अपना वीर्य मेरी चूत में डाल दिया और मुझे पेट से कर दिया.
अब वो मेरी गाँड पर तेल लगाने लगे मेरी ना नुकर के बाद भी उन्होने अपना
लंड मेरी गाँड में डाल कर मेरी गाँड भी मारी. मुझे भी गाँड मरवाने में
बड़ा मज़ा आया. अब तो हर रोज़ चोदम-चुदाई का खेल खेलते है. अब मैं अपने
ससुर ही चुद्ती हूँ. 9 महीने बाद मैने एक लड़के को जन्म दिया मेरे पति
खुश है की वो बाप बन गये लेकिन मैं ही जानती हूँ कि यह बच्चा तो मेरे
ससुर का है.
आशा है आपको मेरी सच्ची कहानी पसंद आएगी.