मामी ने मेरी मुठ मारी Mami ne Meri Muth Mari

हैलो दोस्तो… कैसे है आप! में एक स्टोरी लेकर आपके लिये। ये बात बहुत

पुरानी है. में अपने मामा-मामी के पास रहता था क्योकि माँ नही थी और पिता

बाहर रहते थे ज़्यादातर काम के सिलसिले मे. मामा भी बाहर जाते रहते थे.

मामा का छोटा सा गाँव था जहा में मामी और उनकी

लड़की जिसका नाम धारा है के साथ रहता था. मामी की उम्र 35 की थी. घर छोटा

था हम एक ही रूम मे सोते थे. जब मामा आते तो में और धारा रूम मे और

मामा-मामी बरामदे मे सोते थे. मेने कई बार नोट किया था की उनका एक बेड

बिल्कुल साफ रहता था जबकि दूसरा बुरी तरह से अस्त-व्यस्त. अभी तक मुझे

सेक्स का ज़्यादा नही पता था।



पर एक दिन जब हम सो रहे थे तो सुबह करीब 4-5बजे पजामा कुछ गीला गीला लगा.

में समझा शायद सू-सू निकल गया है. शरम के मारे में रोने लगा और मामी को

उठाकर कहा की मेरा मूत निकल गया शायद. पहले वो बहुत गुस्से हुई पर जब

उन्होने देखा की बिस्तर ठीक है सिर्फ़ पजामा गीला हुआ है और वो भी मूत ना

होकर कुछ गाड़ा सफेद पानी है तो वो मुस्कराने लगी. में ओर ज़ोर से रोने

लगा तो वो बोली तुम्हे कुछ नही हुआ. इस उम्र मे ये होता है.. मैने पूछा

क्या होता है, तो वो बोली तुमने कोई गंदा सपना देखा होगा इसलिए ऐसा हो

गया है जाओ साफ करके पजामा बदल लो… पर मेरा लंड अब भी तना था और उससे कुछ

निकल रहा था।



मेने मामी को बताया तो वो बोली कोई बात नही निकलने दो में सुबह धो दूँगी.

मामी की एक गंदी आदत थी सुबह उठते ही उनको मूत आ जाता था और हमारे घर मे

टॉयलेट नही था. उस दिन भी ऐसा ही हुआ पर अंधेरा होने के कारण वो डर रही

थी. उन्होने मुझे कहा में साथ चलूँ.. हमने दरवाजा बाहर से लॉक कर दिया

क्योकि धारा सो रही थी और टार्च लेकर शोच के लिए निकल गये. मामी ज़्यादा

दूर नही गई घर के पास ही झाड़ियो के पास जाकर बोली में यही बैठ जाती हूँ

तुम भी कर लो… वो साड़ी उपर उठाकर पेंटी नीचे करने लगी तो मुझे बहुत

अच्छा लगा फिर वो बैठ गई में भी पजामा खोलकर नज़दीक ही बैठ गया।



मामी को डर लग रहा था हवा चलने से जैसे ही झाड़िया हिलती वो कहती देखो

कोई साँप तो नही है में टार्च से चारो तरफ़ देखता ऐसे मे एक बार टार्च की

रोशनी मामी पर भी पढ़ गई. मुझे उनकी गोरी-गोरी जांघे दिखाई दी तो मेरा

लंड फिर खड़ा होने लगा. मामी कुछ नही बोली फिर तो मेने टार्च कई बार उन

पर की मुझे पहली बार मामी की झांटो बरी चूत दिखाई दी, मेरा लंड एक दम से

खड़ा हो गया. बाद मे मेने टार्च उन्हे दी और हाथ धोने लगा तो मामी ने

टार्च मेरी तरफ कर दी मेरा लंड पूरी तरहा खड़ा था।



वो देखकर भी उन्होने टार्च नही हटाई. फिर हम घर आ गये, मामी मुझसे बोली

अब तो तुम कई बार पजामा गंदा किया करोगे.. मेने पूछा क्यो तो वो बोली अब

तुम जवान जो होने लगे हो.. मेने कहा कैसे, तो वो बोली तुम्हारे शरीर पर

बाल जो आने लगे… मेने कहा कहाँ पर वो बोली बगलो मे और पेट के निचे… मेने

कहा तो मैं क्या करू वो बोली किसी लड़की से दोस्ती कर लो… मेने पूछा उससे

क्या होगा तो वो बोली पहले कर लो फिर सब समझ जाओगे… मेने कहा मेरी तो कोई

दोस्त नही है आप ही बन जाओ… तो वो मुस्करा दी और नहाने चली गई।

एक रात फिर मेरे लंड से कुछ निकला तब में मामी के बारे मे ही सपना देख

रहा था. में चुपचाप उठकर पजामा बदलने लगा पर मामी जाग गई. उन्होने पूछा

क्या हुआ, मैने कहा कुछ नही पर वो नही मानी और उठकर पजामा देखने लगी

उसपर सफेद गाड़ा वीर्य लगा हुआ था उन्होने उसको सुँगा और मुस्कराई और

बोली शैतान फिर गीला कर दिया.. मेने कहा में तो नींद मे था पता नही अपने

आप हो गया.. वो बोली कोई बात नही पर अब मुझे फिर शोच के लिए बाहर जाना

पड़ेगा.. मुझे फिर उनके साथ जाना पड़ा. इस बार में उसके पास ही बैठ कर

शौच करने लगा. मामी ने मुझसे पूछा सच बताओ जब तुम्हारा पजामा गीला हुआ तब

तुम क्या सपना देख रहे थे… मेने कहा सपने मे आप ही थी.. तो बोली चल

शैतान मामी पर लाइन मारता है.. बीच बीच मे में टार्च की रोशनी मे उनकी

चूत देख लेता था और उसकी रोशनी मे उन्हे मेरा लंड भी दिख रहा था. मेरा

लंड खड़ा था जिसे वो लगातार देख रही थी. उन्होने पूछा अच्छा सपने मे में

क्या कर रही थी तो में बोला आप कपड़े बदल रही थी और में छुपकर देख रहा था

तब ही ये हो गया… वो बोली तुमने क्या देखा मेने कहा आपकी पूरी बॉडी.. तो

वो बोली नाम लेकर बताओ तो में बोला आपके स्तन, योनि और कुल्हे जिसके कारण

ऐसा हुआ…



वो हंस कर बोली मुझे किताबी नाम नही रेग्युलर नाम बताओ और उनमे कोन सा

पार्ट सबसे अच्छा लगा… मेने कहा आपकी चुचिया, चूत और गांड पर गांड सबसे

अच्छी लगती है.. वो तोड़ा शरमा गई और चुप हो गई. फिर वो बोली तुम ऐसे कब

तक रात को परेशान होते रहोगे, मेने कहा में क्या करू तो वो बोली दिन मे

हाथ से निकाल दिया करो… मेने पूछा कैसे तो उन्होने बताया अपने इस तंबू

जैसे लंड को हाथ मे लेकर मूठ मार लिया करो फिर रात को नही निकलेगा… मेने

कहा मुझे आता नही आप सीखा दो तो वो बोली देखूंगी जब धारा घर पर ना हो तब…

मेने कहा ठीक है… आज मामी की चूत पर बाल नही थे और वो बहुत चमक रही थी.

फिर हम घर आ गये. दोपहर को जब धारा पड़ोस मे गई तो मेने मामी को कहा अब

सीखा दो, तो वो बोली अभी में नहा लू बाद मे… मेने कहा नहाना तो मुझे भी

है क्या में आपके साथ नहा लू.. वो बोली ठीक है वही सीखा दूँगी पजामा भी

गंदा नही होगा…



हम दोनो बाथरूम मे आ गये वो बोली चलो अपने कपड़े निकाल दो पहले तुम्हे

नहलाती हूँ.. मेने फटाफट कपड़े निकाल दिए वो मेरे लंड को देख कर बोली तुम

तो पूरे जवान हो गये हो फिर अपना हाथ मेरे लंड पर रख दिया मुझे बहुत

अच्छा लगा वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्रा मे थी जिनसे उनकी चूची दिखाई दे रही

थी. मेरा लंड तन चुका था वो बोली क्या मन हो रहा है अभी मेने कहा आपकी

चूत देखने का ये सुनकर वो बोली क्या करोगे देख कर… मेने कहा मुझे अच्छी

लगती है बस… इस पर उन्होने अपना पेटीकोट उपर उठा दिया तो मेने कहा प्लीज़

इसे निकाल दो फिर उन्होने पेटीकोट और ब्रा दोनो खोल दिया. मेने पहली बार

किसी ओरत को नंगा देखा था उनकी चिकनी चूत चमक रही थी और वो हाथ से मेरा

लंड सहला रही थी मुझसे रहा नही गया।



मेने भी अपने हाथ को उनकी चूत पर रख दिया वो गर्म और गीली थी. मामी कुछ

नही बोली पर लंड को तेज़ी से हिलाने लगी मेने एक उंगली उनकी चूत मे डाल

दी वो कककककआआ करने लगी और ज़ोर-ज़ोर से मेरी मूठ मारने लगी में भी उनकी

चूत मे उंगली अंदर तक कर रहा था और दूसरा हाथ उनकी चूची पर रख कर दबा रहा

था. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था और मामी भी आअहह… की आवाज़ कर रही थी. कोई

5 मिनिट बाद मुझे लगा मेरा शरीर अकड़ गया है और लंड फटने वाला है. मेने

मामी को कहा मामी मुझे क्या हो रहा है में आआआआ पिघलने वाला हूँ तो वो और

तेज़ हाथ चलाने लगी।



फिर अचानक मेरे लंड से सफेद वीर्य निकलने लगा मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और

में मामी की चूत मे उंगली ज़ोर-ज़ोर से कर रहा था. मेरा पानी उनके हाथ पर

भी गिर गया और उनकी जांघो पर भी पर वो रुकी नही कोई दो मिनट बाद मेरा लंड

शांत हुआ. फिर मामी ने मुझे नहलाया और बोली किसी को बताना नही… और फिर

में नहाकर बाहर आ गया।