चाची की प्यास बुझाई incest hindi sex story

प्रेषक : युवराज

नमस्कार दोस्तों! कैसे हो आप सब लोग? यह जो में कहानी सुनाने जा रहा हू

वो मेरी चाची की है। पहले में मेरे और मेरी चाची के बारें में आपको बताना

चाहूँगा। मेरा नाम युवराज़ संधु है. में पंजाब में रहने वाला युवक हूँ।

अभी मे इंजिनियरिंग करता हूँ. कॉलेज में 2 / 3 लड़कियों को चोद चुका हूँ.

मेरी उम्र 21 साल है। लम्बाई 5 फीट 9 इंच, कद अच्छा ख़ासा है। मेरा लंड

का साइज़ 8इंच लंबा है और बहुत मोटा है। मेरी चाची की उम्र 27 साल, नाम

कुलदीप कौर,लम्बाई 5फिट 5 इंच, बाल का साइज़ लगभग 38. फिगर 38 – 29 –

38. लंबे काले घने बाल है. जब वो मटक के चलती तो लड़के पागल हो जाते हे।



अच्छा तो में अब कहानी सुनाता हू. हमारे घर में कुल मिलाकर 10 मेम्बर है,

में, मेरी दादी, माँ, और मेरी बहने, चाचा चाची, और उनका एक लड़का मेरे

दादा दादी और हमारे एक अंकल की लड़की जो हमारे साथ रहती है।





मेरी चाची बहुत ही सेक्सी है. उन दिनो गर्मी का मोसम था। इस वजह से हम सब

लोग छत पर सोते थे. में, चाचाचाची और मेरे अंकल की लड़की. बाकी सब नीचे

सोते थे। उस दिन रात को मैने चाची की सिसकारियों की आवाज़ सुनी तो में

जाग गया,मेंने सुना चाची सिसकारियाँ भर रही है। में समझ गया की मेरा चाचा

उसे चोद रहा है. मेंने हल्के से चादर को उठाया अपना मुहँ के उपर से और

देखने लगा। चाचा चाची की चूत को चाट रहा था. चाची पूरी नंगी थी। उसके

सेक्सी रेशमी बाल जो मुझे हर बार पागल करते हे खुले हुये थे. चाची

सिसकारियाँ भर रही थी।

में वैसे ही गरम हो गया था. चाचा ने फिर चाची की चूत को शायद काटा तो

चाची चिल्ला उठी तो चाचा ने हाथ उसके मुहँ पर हाथ रख दिया. बोला चिल्लाओ

मत नही तो सुमित और अनु जाग जायेगे तो चाची बोली इतना ज़ोर से जानवर की

तरह काटोगे तो चिल्लाऊगी नही तो और क्या करूँगी?तो बोला ठीक है रानी नही

काटता… फिर से चाचा चूत चाटने लगा।

चाची सिसकारियां भरने लगी…. क्या कर रहे हो, फाड़ दोगे क्या?मे कही भागी

नही जा रही हूँ.. धीरे, उंह, मर गई, पहले मालूम होता की इतना दर्द दोगे

तो कभी तुमसे शादी नही करती।

फिर चाचा भी जोश में आ गया.बोला रानी अभी तो सिर्फ़ चाट रहा हू…थोड़ी देर

रूको फिर दिखाऊँगा किसे कहते है तकलीफ़…..। फिर चाचा उपर आ गया.चाची को

बोला ले चल अभी मुहँ खोल….. और चूस इसे.. मेरे चाचा का लंड चाची के मुहँ

में था और व उसे मजे से चूस रही थी। आवाज़े निकाल रही थी.पिट्‍चक..

पुचुक..पीत्च….. पूछ पूछ पूछ…. तो फिर बोली अजी तुम्हारा निकल रहा है….

चाचा बोला तो पी जा उसे…. फिर चाची ने उसका सारा का पानी पी लिया और जो

बचा था उसे अपने बाल पर रगड़ने लगी।

फिर से चाचा को नीचे सुला कर चाची उसके उपर आ गयी. उसके लंबे बाल उसके

बोब्स को ढक रहे थे. और बाकी चाचा के उपर थे। चाची ने चाचा के कान को

काटाउसके मुहँ में अपना मुहँ डाल कर उसको चूमने लगी… आहह उम्म, दोनो जोश

मे थे। चाची फिर से उपर उठ गयी और अपनी चूत को चाचा के मुहँ पर रगड़ने लग

गई. चाचा बहुत ही जोश में था. उसकी चूत गीली हो चुकी थी।

मेरा लंड तो इधर पूरा टाइट हो गया था. कुछ समझ में नही आ रहा था की क्या

करूँ अगर लंड हिलाता तो उन दोनो को समझ आ जाता। में फिर से देखने लगा अब

चाची चाचा को बोली ओ जी अब और कितना तरसाओगे… डालो ना अंदर.. फिर चाची

चाचा के नीचे आ गयी। चाचा ने अपना लंड धीरे से चाची की चूत पर रखा तो

चाची ने सिसकारी भरी. डालों अंदर………. तो चाचा ने धीरे से अंदर घुसाया.

अभी तक तो चाचा का आधा लंड ही अंदर गया था तो चाची सिसकारियाँ भरने लगी….

क्या कर रहे हो…. चाचा बोला रानी मारू क्या झटका… मारों ना… किससे पूछ

रहे हो… तुम्हारी ही तो है.. आहह चाचा ने ज़ोर से झटका मारा तो चाची

चिल्ला उठी. उंई माँ..मर गई..उम्म्म….

इतने में मुझे इधर कुछ हलचल अनु के चदर के नीचे दिखाई पड़ी. तब में समझा

की इस चाचा के सीन का मज़ा अनु भी ले रही है. उधर चाचा ने चाची को झटके

लगाने शुरू किये थे. चाची नीचे से गांड को उठा रही थी. आवाज़े निकाल रही

थी… धीरे धीरे करो राजा, मार डालोगे क्या.., फाड़ दो मेरी चूत को…उन दोनो

की सिसकारियों ने रात का पूरा शांत माहोल आवाज़ों से भर दिया था। कम से

कम 20 मिनिट की चुदाई के बाद चाचा शांत पड़ गया।

फिर में समझ गया की चाचा ने अपना पानी चाची के चूत में छोड़ दिया है. फिर

10 मिनिट के बाद चाचा चाची के उपर से उठा और बोला… क्यों रानी मज़ा आया

?

चाची बोलीआज तो तुमने मार ही दिया मुझे…. फिर दोनों ने कपड़े पहने और सो

गये। लेकिन में तो रात बर सोचता रहा चाची के बारे में. मैने भी ठान लिया

की एक ना एक दिन चाची को ज़रूर चोदूगा. अब तो रोज चाची मेरे सपनो में

मुझे नंगी दिखने लगी. कुछ समझ में नही आ रहा था क्या करूँ. एक दिन सुबह

में चाची के घर में गया जो की फर्स्ट फ्लोर पर था. मुझे उधर कोई नही

दिखा. जब में अंदर गया तो देखा की बाथरूम से पानी की आवाज़ आ रही है।

मेने सोचा अच्छा मोका है चाची को नंगा देखने का तो में संडास के अंदर जा

कर नल के उपर चढ़के दीवार के उपर से बाथरूम में देख रहा था. चाची नहा रही

थी. बाल खुले हुये, पूरा नंगा भीगा हुआ बदन मुझे आग लगा रहा था. उसके

बड़े बड़े बोब्स बहुत सेक्सी लग रही थी चाची। लेकिन मेरा पैर नल पर से

फिसल गया और में गिर पड़ा तो आवाज़ हुई. चाची चिल्लाई कौन है? उसने शायद

मुझे पहचान लिया था. वो बाथरूम में से बाहर आती तब तक में वहाँ से भाग

गया. लेकिन चाची को समझ आ गया की मेने उनको नंगा देखा है। उनका मेरे साथ

बोलने के स्वभाव में थोड़ा बदलाव आ गया था।

अब चाची मुझसे थोड़ी हिच खीचाकर बात करती थी. मेरा तो रोज रात का

प्रोग्राम था की चाची और चाचा की चुदाई देखने का. लेकिन मेरे दूसरे वालें

अंकल (अनु के पिता) जो दिल्ली में रहते है बीमार थे। मेरी आंटी का दहन तो

4 साल पहले ही हो गया था. इसलिये अंकल ने अनु को हमारे साथ रहने के लिए

भेजा था. अंकल बीमार होने की वजह से चाचा को दिल्ली जाना पड़ा.अनु को

अपने साथ ले गये।लेकिन चाची को काम पर से छुट्टी ना मिलने पर वो नही जा

सकी। उधर जाकर चाचा ने फोन किया और बताया शायद उनको वहाँ पर महीना भर

रुकना पड़ेगा. चाचा जी की तबीयत बहुत खराब हे. उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती

किया था।

यहा पर चाची की तो जैसे जान ही निकल गयी जब चाचा ने महीना भर रहने की बात

कि. अब छत पर सिर्फ़ में और चाची सोते थे. पहले हफ्ते में तो कुछ नही

हुआ. लेकिन दूसरे हफ्ते में मुझे चाची की चाचा के प्रति तड़प दिख रही थी।

क्योंकी चाचा उसे रोज चोदता था और छुट्टी के दिन तो दिनभर। दूसरे हफ्ते

मेने बहुत बार ध्यान दिया कि चाची अपनी चूत पर अक्सर हाथ फेरती. उस रात

चाची ने अपनी नाईटी पहनी थी और छत पर आई. लंबे बाल खुले हुये.शायद उसने

अंदर से ब्रा नही पहनी थी क्योंकी उसके बोब्स कुछ ढीले लग रहे थे।

रात के 11.30 बजे थे.मेरा बिस्तर तो एक कोने में लगा थाऔर चाची का छत के

बीचों बीच। मैने देखा चाची आ गयी है और मैने सोने का नाटक किया। चाची

ने देखा में सोया हुआ हू तो वो भी अपने बिस्तर पर सो गई. लेकिन चाचा की

कमी की वजह से उसे नींद नही आ रही थी। तो वो करवटे बदलती सोने का प्रयास

कर रही थी। अचानक मैने देखा की चाची ने अपनी नाईटी को उठा लिया। और अपनी

चूत पर हाथ फेर रही थी. अंधेरे की वजह से ठीक से कुछ दिखाई नही दे रहा

था. लेकिन जब उसका हाथ आगे पीछे होते देखा तो मैं समझ गया के उसने कुछ

पहना नही है. उसकी भारी जाघे और चूत मुझे दिख रही थी। चाची के हाथ में

कुछ था और उसे अंदर बाहर कर रही थी. शायद उसके हाथ मे रोटी बनाने का डंडा

(बेलन) था. और उसे अपनी चूत में डाल कर अंदर बाहर करके सिसकारियाँ भर रही

थी. ये प्रोग्राम दो तीन दिन तक ऐसे ही चलता रहा।

फिर मुझसे रहा नही गया और मेने सोच लिया की आज कुछ भी हो जाये में चाची

को ज़रूर चोदूगा। रात को फिर से चाची का प्रोग्राम चालू हो गया. थोड़ी

देर के बाद मैने हल्के से आवाज़ में बोला "में कुछ मदद करू.." तो चाची एक

दम से घबरा गयी और मेरे पास देखा और बोली युवराज़ क्या तुम जाग रहे हो,

तो में बोला नही में तो नींद में बड़बडा रहा हू. तो चाची समझ गयी कि में

क्या चाहता हू. आज चाची को रहा नही गया तो उसने पूछा अच्छा तो शायद उस

दिन भी तुम नींद में मुझे नहाते देख रहे थे शायद। तो में बोला हा…तो

मुझसे पूछने लगी और क्या क्या करना चाहते हो नींद में ? ? ?

में बोला बहुत कुछ तो चाची धीरे से पास आई और बोली चल एक तरफ होकर सो

जा। में आज तेरे साथ तेरे बिस्तर पर सौंऊगी. चाची मेरे बिस्तर पर आ गई।

बेटा तेरे चाचा नही है तो मुझे नींद भी नही आती क्या करूँ? तो मैने बोला

की चाचा नही है तो क्या हुआ मैं तो हू.. तो बोली अरे तू तो मेरा भांजा है

??? तो में बोला क्या हुआ फिर? जो चाचा कर सकता है मैं नही कर सकता

क्या? चाची आ गई जोश में और झट से मेरे लंड पर हाथ फेरने लगी और बोली….

सच क्या तू मेरी आग बुझायेगा? मेने भी चाची की नाईटी को उठाया और चूत पर

हाथ फेरने लगा और बोला एक बार अजमा कर तो देखो. फिर चाचा को छोड़कर मेरे

साथ सोने मे तरसोगी। चाची ने झट से मेरे पजामे का नाडा खोल दिया और

अंडरवेयर के अंदर हाथ डाल दिया और मेरे लंड को सहलाने लगी।

अब मैने चाची कि नाईटी को उतार दिया और मेरा शक सही था कि उसने अंदर ब्रा

नही पहनी थी. अब चाची भी जोश में आ चुकी थी.उसने मेरे सारे कपड़ों को

उतार दिया था। हम दोनो जोश में थे. मेरा एक हाथ चाची की जाँघ पर था और

उसकी जाँघ मेरे जाँघ पर थी। में उसके जाँघ को पीछे से सहला रहा था. मेरा

लंड उसकी चूत से टकरा रहा था. मेरा दूसरा हाथ उसके रेशमी बालो में था.और

उसके मुहँ में मेरा मुहँ. मेरी जीभ उसके जीभ को सहला रही थी.चाची बहुत

सेक्सी हो तुम.. तुम्हारे यह रेशमी लटकते बाल मुझे पागल बना देते है

चाची.. प्लीज़ इसे ऐसे ही रखना काटना मत।

चाची भी मेरे मुहँ में मुहँ डाले मुझे किस कर रही थी. में उसके मोटे मोटे

बाल दबा रहा था. आहह क्या मज़ा आ रहा था… मेरा लंड उसकी चूत पर घिस रहा

था. चाची क्या में आपकी चूत को चाट सकता हू ? मैने पूछा.. चाची बोली

बेटा तेरी ही है आज से… चाट… मैने चाची को नीचे लेटाया और उसके पैरों को

फैला दिया. उसकी चूत थोड़ी सी गीली हो चुकी थी। मैने मेरी जीभ उस पर फेर

दी तो चाची ने सिसकारी भरी। मै उसकी चूत को चाटने लगा मेरी जीभ चूत पर

फिर रही थी। फिर मैने उसके दाने को छेड़ा और उसको मेरे जीभ से चाटने

लगा तो वो कसमसा गयी….. सुमित क्या कर रहे हो.. मार डालोगे क्या…उसकी

आवाज़ों से मुझमें और जोश भर रहा था।

मैने मेरी जीभ उसके होल में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो वो और पागल

हो गई.क्या सेक्सी थी मेरी चाची में पागल हो गया। चाची क्या तुम मुझसे

रोज चुदवाओगी… चाची बोली चाचा जब तक नही आते तब तक तो रोज चुदवाऊँगी और

उसके बाद तुम्हे मुझे घर के बाहर होटल में ले जाकर चोदना पड़ेगा… मैं

तैयार हो गया और मेरी जीभ को उसके दाने के उपर फिरा दिया। चाची मेरा लंड

टाइट हो गया है डालु अंदर ? ? ?

चाची बोली साले खुद का हो गया तो अंदर डालने लगा.चल उसको मेरे मुहँ में

दे…. मैं बोला की मुझे लगा आप को शायद पसंद नही आयेगा इसलिये मैने पूछा

नही… मेरा लंड देख कर चाची पागल हो गई.क्या रे क्या है ये? रोज मालिश

करता है क्या इसकी ? शायद मेरी चूत के अंदर से फिर कुँवारी लड़की की तरह

खून निकालेगा…… उसने उसे मुहँ में भर लिया और पागलों की तरह चूसने

लगी,,,,, राजा कहा छुपाया था इसे इतने दिनो……बहुत देर चूसने के बाद में

बोला चाची निकाल दो बाहर मेरा झडने वाला है… चाची बोली झाड़ दे मेरे मुहँ

में। मेरा झड़ गया चाची के मुहँ में। फिर उसने मुझे नीचे लेटाया और उसकी

चूत को मेरे मुहँ के उपर से फेरने लगी. बहुत मज़ा आ रहा था. उसका पानी

मेरी जीभ को लग रहा था. अहह… में पागल हो उठा.मेने चाची को बोला बस अब

नही रहा जा रहा मुझे अंदर डालने दो…..चाची बोली आजा राजा मेरे उपर आजा,

और तेरा पूरा ज़ोर निकाल दे अपनी चाची के उपर…. तो फिर मे चाची के नीचे आ

गया। अब चाची उसके काले,लंबे,घने,रेशमी, बाल मेरे शरीर के उपर फेरने लगी.

पहले मेरे मुहँ पर फिर पेट पर फिर लंड पर.में पागल हो रहा था। मैने झट

से चाची को पकड़ के नीचे ले लिया और बोला बस…. अब मुझे अंदर लो चाची… तो

चाची ने मेरा लंड अपनी चूत पर ले आई और बोली चल राजा डाल दे इसे

अंदर..तेरे लंड को मेरे चूत के घर की ज़रूरत है… जैसे मेरा लंड अंदर गया

तो वो चिल्ला उठी. माँ, मर गई… धीरे राजा.. में फिर 2 मिनिट के लिये शांत

हो गया और फिर पूरी ताक़त के साथ इतना ज़ोर का झटका मारा की चाची की छाती

एकदम उपर उठ गयी और वो चिल्लाई…….. आईगाआ,,..,मेरा पूरा लंड चाची की चूत

में जा चुका था.

चाची बोली क्या कर रहे हो.. निकाल दो बाहर..मार डालोगे क्या? निकालो

बाहर मुझे बहुत दर्द हो रहा है। मैंने एक ना मानी. मैं बोला चुप बैठ

साली रांड.. चुप बैठ.. अब थोड़ा दर्द सहन कर..फिर तो मज़ा लेगीं ही ना ?

चाची बोली हा.. रे.. साले पर दर्द भी तो बहुत हो रहा है. मैं बोला मेरी

प्यारी चाची बस थोड़ा सा ही दर्द अब,..बस हो गया… मैं 5 मिनिट तक ऐसे ही

चाची को समझाता रहा। फिर चाची थोड़ी नरम हो गई और मैने धीर धीरे धक्के

मारने शुरू किये. चाची को दर्द हो रहा था। फिर थोड़ी ही देर में चाची

जोश में आ गायी.आह.. की आवाज़ों से पूरा समा झूम उठा था. मज़ा आ रहा था।

मैं शब्दों में बया नही कर सकता. मेरी चाची और में दोनो ही स्वर्ग में

थे। चाची बोली चोद डाल मुझे..फाड़ दे रे चूत को…, हम दोनो बहुत जोश में

थे. चाची इतने में झड़ गयी. लेकिन में अभी तक झड़ा नही था में चालू ही

था.10 मिनिट के बाद चाची फिर से झड़ गयी। कम से कम 30 मिनिट चोदने के

बाद मेरा लंड झडने के लिए तैयार हो गया. चाची में झडने वाला हू,..क्या

करूँ….. पूछता क्या है साले… डाल तेरा पानी मेरी चूत मैं….. में झड़ गया.

क्या आनंद दिया बहुत मज़ा दिया रे तूने इस चाची को….. मैं बोला मेरा लंड

पूरा गीला हो गया है. चाची बोली बाहर निकाल और उसे तेरी चाची के मुहँ पर

पोछ दे…. मैने लंड निकाला और चाची के मुहँ और पूरे बदन पर पोछ दिया।

मेने उस रात चाची की 4 बार चुदाई कि और ऐसे ही चाची दूसरे दिन बहुत खुश

थी. यह काम रोज रात चालू रहता था।

फिर चाचा का फोन आया. चाचा बोला की शायद उसे 15 दिन और लगेंगे.. चाची और

खुश हो गई.15 दिन मैने रात को चाची की चूत को चोद चोद के उसका भोसडा बना

दिया था। 15 दिन के बाद चाचा आया. अनु को साथ लेकर. लेकिन उस रात चाचा जब

चाची को चोद रहा था तो चाची उसके झटको को आराम से झेल रही थी. और कोई

सिसकारी या चिल्लाना नही हुआ. मैं आज भी चाची को जब भी समय मिलता है तभी

उसी जोश के साथ चोदता हू… कभी घर में तो कभी होंटल में जाकर।

अगली कहानी जल्द ही लाउगा।

आशा है की आपको यह कहानी पसन्द आई होगी…….

धन्यवाद …