बहन की दूध पिया

मेरी ज़िंदगी मैं कितने उतार चढ़ाव आये और गये पता नही अब और कितने

आयेगे. मैं रूपेश इनवेस्टमेंट ब्रोकर का काम करता हूँ मुंबई में मेरी

उम्र 37 साल है मेरी पत्नी का एक रोड़ एक्सीडेंट में 2 साल पहले निधन हो

गया है तब से मैं अकेला अपना जीवन काट रहा हूँ घर तो मैं सिर्फ़ सोने के

लिये जाता हूँ अदर वाइज़ ज्यादातर टाइम मेरा ऑफीस ओर दोस्तों मैं ही निकल

जाता है बीच– बीच मैं कई ऑफर भी आये मेरी शादी के लिये लेकिन कुछ मुझे

पसंद नही आई और कुछ बन नही पाई और फेमिली मैं मेरी एक छोटी बहन है जो

शादीशुदा है चेन्नई मैं उसने लव मेरिज की अपने बॉयफ्रेंड से वो इस शादी

से बहुत खुश है और वो चेन्नई में ही सेटल हो गये शादी के बाद कुछ दिन

पहले ही उसका फोन आया था तब पता लगा था की वो प्रेग्नेट है अब वैसे भी

मेरी लाइफ मैं कोई ज़्यादा इंटरेस्टिंग बचा नही था.



एक दिन रात को मेरे को चेन्नई से फोन आया और मुझे किसी ने बताया की मेरी

बहन के पति का एक्सिडेंट हो गया है मैं तुरंत रात मैं ही फ़्लाइट पकड़ के

चेन्नई भागा वहा जैसा होता है मुझे बताया एक्सिडेंट का था लेकिन यहाँ

उसका निधन हो गया था मेरा सर फटा जा रहा था अब समझ मैं नहीं आ रहा था

मेरी बहन का क्या होगा मैं कुछ दिन वहाँ रहा अपनी बहनरूपा को संभाला वो

अभी केवल 22 साल की थी इस उम्र मैं वो विधवा हो गयी थीमैने उसे समझाया और

कहा कुछ दिनो बाद जब मन करे तो मेरे पास घूमने आ जाना और मैने ज़्यादा इस

समय कहना सही नहीं समझा और वापस आ कर फिर मैं अपने ऑफीस और काम मैं बिज़ी

हो गया.



एक दिन मेरे पास रूपा का फोन आया भैया मेरे को बचायो ये लोग मेरे को जान

से मारने की कोशिश कर रहे हैं मैने कहा अपने आप को संभालो मैं अभी निकल

रहा हूँ और जल्दी से जल्दीचेन्नई पहुँच रहा हूँ मैने अपने कुछ चेन्नई के

दोस्तों से बात की और तुरंत वहाँ पहुँचने के लिये कहा और मैं पहली

फ्लाइट पकड़ के चेन्नई पहुँच गया वहाँ जा कर पता चला उसके सास-ससुर

मेरी बहन से बहुत खराब व्यहार कर रहे थे.



असली मैं सारी लड़ाई की जड़ मेरे बिल की इंश्योरेंस और पी.एफ के पैसे थे

वो लोग उसे हड़पना चाहते थे मैं सारा माज़रा समझ गया और वो मेरी बहन को

बदचलन भी कह रहे थे मैने अगले दिन उसके पी.एफ ऑफीस और इंश्योरेंस कंपनी

में गया और सारे अमाउंट का चेक अपनी बहन के नाम से बनवा लाया और मैने

रूपा से कहा अब तू यहाँ से चल उसके सास ससुर को ठेंगा दिखा कर हम मुंबई आ

गये पी.एफ और इंश्योरेंस का अमाउंट कोई 1.5 करोड़ था वो मैने रूपा के नाम

से बैंक मैं फिक्स कर दिया अब रूपा मेरे साथ ही मेरे फ्लेट मैं रहने लगी

रूपा सात महीने से प्रेग्नेंट थी मैं उसे डॉक्टर के पास ले गया उसने

बताया की प्रेग्नेंसी मैं प्रोब्लम होगीऔर हो सकता है ऑपरेशन से डिलेवरी

हो क्योंकी पेट मैं बच्चा उल्टा है और बहुत कमज़ोर है पिछले कुछ महीनो

मैं जो उस पर प्रोब्लम आई इसकी वजह से उसकी ये हालत हो रही थी.



मैने डॉक्टर से कहा आप बेस्ट इलाज़ कीजिये बाकी भगवान मालिक है हमारी

कंपनी मैं मेडीकल क्लेम पॉलिसी है जिसमें अपनी फेमिली का कोई भी

हॉस्पिटलाइजेशन फायदा ले सकता है मैने रूपा से पूछा की अगर मैं वो पेपर

उसे स्पाउस दिखा दूँ तो हमें हॉस्पिटलाइज़ेशन और सारे खर्चे बच जायेगें

और हम इलाज़ भी अच्छे से अच्छे हॉस्पिटल मैं करवा लेंगे रूपा बोली इसमें

क्या प्रोब्लम है अच्छा है लाखो रुपये बच जायेगे मैने वैसा ही किया और

अपनी मेडिकल क्लेम पॉलिसी मैं उसे मेरी पत्नी रजिस्टर्ड करवा लिया एक

दिन रूपा की रात मैं अचानक तबीयत खराब होने लगी.



मैं उसे तुरंत हॉस्पिटल ले कर भागा वहाँ डॉक्टर बोले तुरंत ऑपरेशन करना

पड़ेगा प्रिमेच्यूर बेबी है कुछ भी नहीं कहा जा सकता माँ और बच्चे की जान

ख़तरे मैं है डॉक्टर ने तुरंत ऑपरेशन चालू कर दिया ऑपरेशन के बाद रूपा ने

एक लड़के को जन्म दिया लेकिन बच्चा बहुत कमज़ोर था वो 2-3 दिन ज़िंदा रहा

और फिर उसकी डेथ हो गयी रूपा का रो- रो कर बुरा हाल था वो कुछ दिन

हॉस्पिटल मैं रही और फिर मैं उसे घर ले कर आ गया कोई 2 हफ्ते मैं उसकी

तबीयत नॉर्मल हो गयी लेकिन दवाई चल रही थी उसने धीरे धीरे घर को संभाल

लिया अभी उसकी तबीयत पूरी तरह से अच्छी नही हुई थी उसने मुझे अपने सीने

मैं बहुत दर्द बताया मैं उसे सुबह ही ऑफीस जाने से पहले उसे डॉक्टर के

पास ले गया डॉक्टर उसे चेकअप रूम मैं ले गया और वापस आकर बोला आप अपनी

पत्नी का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते. मैं? क्या हुआ डॉक्टर साहब उसने रूपा

से पूछा क्या आपने इन्हे नहीं बताया.



रूपा थोड़ी शरमाते हुये बोली इन्हे कुछ नहीं पता डॉक्टर अरे ये कैसे संभव

है डॉक्टर बोला मिस्टर रूपेश आपकी पत्नी के अभी जो बच्चा हुआ था और वो अब

नहीं रहा है अब इनकी बॉडी मैं दूध बन रहा है अब बच्चा तो रहा नहीं वो दूध

जमा हो रहा है और इनके ब्रेस्ट मैं ब्रेस्ट केन्सर का खतरा है मैं एकदम

से घबरा गया तो डॉक्टर इसका इलाज़ क्या है ब्रेस्ट से ये दूध कोई मशीन

नहीं निकाल सकती हम इसे मेडिसिन से सूखा सकते हैं लेकिन आपको ये दूध सक

करके निकालना होगा मेरी समझ मैं कुछ नही आ रहा था मैं क्या रियेक्ट करूँ

मैने अजीब सी नज़रों से रूपा की तरफ देखा वो भी चुप थी हमारी बड़ी अजीब

सी स्थिति हो गयी थी फिर डॉक्टर बोला अन्दर आइये मैं आपको समझाता हूँ

उसने रूपा को लेटने को कहा और नर्स से बोला इनका ब्लाउज ओपन करो मेरा

बुरा हाल था समझ मैं नहीं आ रहा था क्या करूँ नर्स ने रूपा का ब्लाउज और

ब्रा खोल दी हाय क्या बूब्स थे रूपा के पर्फेक्ट गोल-गोल और बड़े बड़े

नारियल के साइज़ के उसके बूब्स देख कर मेरा लंड मेरी पेन्ट में खड़ा हो

गया.



मैं उसे भी छुपाने की कोशिश कर रहा था मेरा चेहरा पीला पड़ गया था डॉक्टर

बोला शरमाओ मत भाई मैं उस दिन को कोश रहा जिस दिन मैने रूपा का नाम अपनी

मेडिकल क्लेम पॉलिसी मैं डाला था नहीं तो आज ये दिन देखने की नौबत नहीं

आती इधर आओं उसने कहा इसे सक करो मैने रुकते- रुकते अरे भाई शरमाओ मत चलो

जैसे आप चूसने वाला आम खाते हो वैसे ही इसे भी दबा-दबा के आपको दूध सक

करना है और उसने मुझे झुका के बूब्स सक करने को कहा मैने कांपते होठों से

रूपा का बूब्स अपने मुहँ मैं लिया और नर्स ने जैसे ही दबाया उसमें से दूध

की एक धार निकली मेरा दूध से मुहँ भर गया.



मैं थोड़ी देर मैं दबा– दबा कर दूध पीने लगा शायद इससे रूपा को कुछ आराम

मिल रहा था मैने कोई 2-3 मिनिट तक उसका लेफ्ट बूब्स चूसा उसके बाद नर्स

ने मुझे दूसरे बूब्स को चूसने को कहा इसे भी चूस लो जिससे इन्हें आराम

मिलेगा डॉक्टर बोला मैं जा रहा हूँ आप थोड़ी देर इनका दूध निकाले जाये

फिर में आपसे बात करूँगा फिर मैने रूपा को देखा जो अपनी आँखे बंद करके

लेटी हुई थी शायद आनंद मैं या उसे आराम मिल रहा था फिर मैने बारी- बारी

दोनो बूब्स को दबा-दबा के उनका दूध पिया मैने रूपा से पूछा अब ठीक है वो

बोली हाँ ठीक है नर्स वहीं बैठी थी इसलिये हम ज़्यादा बात नहीं कर पाये

डॉक्टर बोला भाई समझ लिया ना सारा प्रोसेस मैने हाँ मैं सर हिलाया.



अब आपको दिन मैं कम से कम 2 बार दूध सक करके पीना है और ये औरत का शुरुआत

का दूध है ये बहुत फायेदेमंद भी होता है फिर वो थोड़ा हंसते हुये बोला

भाई इसमें तुम्हे कोई प्रोब्लम भी नहीं होनी चाहिये बूब्स तो वैसे भी सक

करते होगे अपनी पत्नी के क्यों भाभी जी उसने रुपा की तरफ देखते हुये कहा

उसका शर्म से चेहरा लाल हो गया वैसे मैं मेडिसिन से भी दूध को सूखा सकता

हूँ लेकिन उससे बाद मैं प्रोब्लम होगी इसलिये सजेस्ट यही करूँगा की सक

करके इसे निकाल दे और केवल 4-5 महीने की ही तो बात है और दोस्त सच में

तुम बहुत लकी हो तुम्हारी पत्नी बहुत सुन्दर है और उसके बूब्स भी यार

वेरी लकी हम दोनो को बहुत शर्म आ रही थी डॉक्टर बोला और इनकी सेहत का

ध्यान रखों ड्राइ फ्रूट फ्रूट जूस जितना ज़्यादा से ज़्यादा पीला सकते हो

पीलाओ प्रेग्नेन्सी से शरीर मैं कमज़ोरी आ जाती है.



मैने कहा ठीक है और मैं वहाँ से बाहर आ गया हम दोनो के बीच एक खामोशी थी

दोनो के होठ बिल्कुल चुप थे मैने बाइक स्टार्ट की और बिग बाज़ार पर रोक

दी रूपा बोली क्या हुआ भैया मैने कहा डॉक्टर ने कहा था ना की तेरे को

कमज़ोरी है कुछ फ्रूट & ड्राइ फ्रूट लेते हैं फिर हमने ढेर सारे फ्रूट

ड्राइ फ्रूट लिये और एक मिक्स्चर ग्राइंडर भी लिया जूस के लिये सब समान

ले कर हम घर आये मैने कहा अब मैं ऑफीस निकलता हूँ शाम को मिलते हैं पूरा

दिन मेरे दिमाग मैं सुबह का घटना क्रम चलता रहा मैने आज तक रूपा को कभी

ग़लत नज़र से नहीं देखा था लेकिन आज किस्मत ने क्या करवा दिया वो भी

मुझसे जिसने 3 साल से औरत को हाथ भी नहीं लगाया हो क्या हालत होगी उस

आदमी की लेकिन आज की घटना से मुझे लगा जैसे मेरी जिंदगी को कई मायने मिल

गये हों.



मुझे इस समय हरिवंश राय बच्चन की कविता की एक पंक्ति याद आई नीड का

निर्वाण फिर मुझे लगा जैसे भगवान मेरे को फिर से एक बार ज़िंदगी जीने का

मौका दिया है और भगवान ने दिया है मौका तो करना भी मुझे पड़ेगा लेकिन

मुझे ये नहीं पता था रूपा क्या सोच रही है मैने सोचा हम दोनो एक ही कश्ती

मैं सवार है एक दूसरे का सहारा बने वेसे में आपसे एक बात कहूँ रूपा दिखने

में बहुत सुन्दर थी और प्रेग्नेन्सी के बाद तो रूपा और भी ज्यादा सुन्दर

लगने लगी थी और मेरे लिये तो वो एक परी के रूप मैं आई थी मैं घर पहुँचा

शाम को कोई 7.30 का टाइम हो रहा था मैं टी.वी देखने लगा रूपा वहीं सोफे

पर बेठ गयी हम एक दूसरे से आँखे चुरा रहे थे.



मैने रूपा को 5000 रुपये दिये और कहा मेरे पहले कभी दिमाग़ मैं ही नहीं

आया प्लीज ये पैसे तुम रख लो कुछ ज़रूरत हो सकती है रूपा रोने लग गयी

भैया आप मेरा इतना ख्याल रखते हैं मैंने कहा छोड़ ना इस मैं रोने की क्या

बात है अब मेरा तेरे आलावा कौन है वो मेरे कंधे पर सर रख कर रोने लगी

मैने उसे संभलने को कहा और उसके माथे पर एक किस किया हम थोड़ी देर ऐसे ही

बेठे रहे फिर रूपा चाय बना के लाई हम दोनो ने चाय पी मैं फ्रेश होने

वॉशरूम में चला गया थोड़ी देर मैं रूपा ने खाना लगा दिया फिर हम दोनो

टी.वी देखने लगे अब क्लाइमेंक्स था मुझे जिसका इंतज़ार था मैं बेड रूम

मैं जाकर लेट गया रूपा किचन मैं काम कर रही थी मैं आखें बंद करके एक

अंतहीन का इंतज़ार करने लगा थोड़ी देर मैं रूपा आई और मेरे को सोता देख

कर मेरे बगल मैं लेट गयी.



मै धीरे से उठा मैने आँख खोली अरे रूपा हाँ भैया रूम मैं अंधेरा था लेकिन

खिड़की से रोशनी आ रही थी हमारी आखें टकराई उसने सफेद सूती साड़ी पहन रखी

थी अंधेरे मैं भी रूपा का बदन जगमगा रहा था उसने धीरे से अपना ब्लाउज आगे

से खोला और ब्रा को उपर की तरफ कर दिया और मेरी तरफ देखा हमारी आखें फिर

एक बार टकराई वो जैसे कह रही हो आओं भैया चूसो इन्हें ये तुम्हारे आम है

मैने धीरे से अपना मुहँ बढ़ाया दूध रिसने की वजह से ब्लाउज और ब्रा पूरे

गीले हो चुके थे मैने अपना मुहँ उसकी बड़ी-बड़ी चूचीयों पर लगा दिया और

उन्हे चूसने लगा दूध की धार से मैं गले तक गीला हो गया लेकिन इस तरह से

थोड़ी परेशानी हो रही थी मै अपने हाथों से उसका ब्लाउज उतरने लगा और फिर

ब्रा भी उतार दी अब उसका ऊपर का अंग पूरा नंगा हो गया था.



अब हम दोनों को ओपन मैं थोडा आराम मिल गया और फिर मैं उसकी चूचीयों पर

झुक गया और दूध पीना चालू कर दिया हाय क्या मज़ा आ रहा था रूपा भी

उतेज़ना से अपने पैर से पैर रग़ड रही थी मेरा लंड तन के लोहे की रोड बन

चुका था मैने धोती पहनी हुई थी और उपर से मेरा भी गठीला बदन नंगा था में

एक हाथ से उसकी चूचीयां सहला रहा था और एक से उन्हें सक कर रहा था हाय

क्या कयामत का सीन था मेरी बहन के दोनो मस्त चूचीयां मेरे होठ लगने से

उनकी निपल तन गयी थी जो ये साबित कर रही थी की रूपा भी अन्दर से चुदासी

हो रही थी लेकिन वो नारी लज़्ज़ा के कारण कह नहीं पा रही थी और मैं जिसने

तीन साल से औरत को हाथ नहीं लगाया हो मेरी क्या हालत हुई होगी आप लोग समझ

सकते हैं.



मैं कोई दस मिनिट तक उसका दूध पीता रहा कोई एक कप दूध तो मैं पी चुका

होगा मेरा लंड बार- बार फूँकार मार रहा था अब मेंरी सहन शक्ति जबाब देने

जा रही थी मैंने दूध पीते-पीते अपना हाथ बढ़ाया और रूपा की साड़ी पेटिकोट

से निकाल दी और उसके पेटीकोट का नाडा खोलने लगा रूपा ने मेरा हाथ पकड़

लिया प्लीज़ भैया ऐसा मत करो मैं आपकी बहन हूँ मैने कहा प्लीज रूपा मान

जा तू मेरी हालत देख मैं कितना तड़प रहा हूँ. नही भैया यह पाप है आप

प्लीज़ मुझे छोड़ दो मैं दूसरे रूम मैं जा कर सो जाउंगी मुझे लगा कहीं

रूपा यहाँ से चली नहीं जाये मैने उस पर अपनी टाँगें रख दी और उसे अपने

वजन से दबा लिया वो मेरे नीचे झटपटा रही थी फिर मैने अपना होठ उसके खड़े

हुये निपल पर लगा दिया और उसकी चूचीयां चूसना चालू कर दिया बीच–बीच मैं

उसे चूमने की कोशिश कर रहा था.



गिड़गिडाते हुये बोली भैया प्लीज़ मुझे छोड़ दो आप जो कर रहें हैं क्या

ये सही है? ये पाप है! मैं आपकी अपनी थ� लिये क्या तू ये भूल नहीं सकती

की हम भाई बहन हैं और मैं तुझे पाने के लिये बेहद बेताब हूँ वो झटपटा रही

थी मैं उसके सारे शरीर को अपने शरीर से रग़ड रहा था मैने अपने बायें हाथ

(लेफ्ट हेंड) से उसके दोनो हाथ पकड़ लिये और दायें हाथ (राइट हेंड) उसकी

साड़ी पेटीकोट मैं डाल दिया और उसकी चूत को टच करने की कोशिश करने लगा.



इस बीच मैं लगातार उसके मिल्की बूब्स को चूसता रहा वो लगातार रोये जा रही

थी लेकिन मेरी इच्छा उसकी जवान चूत को पाने के लिये बेहद बेताब हो रही थी

मैने हाथ बढ़ा कर उसके पेटिकोट के उपर से उसकी गांड को उठाया और अपने लंड

का एहसास उसकी चूत को करा दिया मेरी बहन समझ चुकी थी की मेरे चंगुल से

निकलना मुश्किल ही नहीं ना मुमकीन है तो उसने अपना रोना धोना कम कर दिया

और अपने शरीर को ढीला छोड़ दिया मेरे लिये जैसा की मैं चाहता था फिर उसने

बड़ी शांति से कहा ठीक है भैया आप मेरा दूध पीना चाहते हो लो पियो लेकिन

प्लीज़ मेरे साथ सेक्स मत करना उसने एक तरह से चूचीयां मेरे मुँह मैं

ठूंस दी लो मेरा सारा दूध पी लो अब आपको शान्ति मिल गयी भैया मैने कहा

हाँ रूपा लेकिन अब मैं और भी कुछ करना चाहता हूँ वो गिड़गिडाने लगी नही

भैया प्लीज़ मेरी चुदाई मत करना मैं माहवारी के पीरियड (एम.सी) मैं चल

र��ब तक की वो पूरी तरह से गर्म ना हो जाये मैं रूपा को देख कर

मुस्कुराया उसने शर्म से अपना मुहँ ढक लिया मैने उसके हाथ मुँह से हटा कर

उसे पागलो की तरह चूमने लगा रूपा अभी भी गर्म थी वो शरमाते हुये धीरे से

फुसफुसा के एक आनन्द भरी आवाज़ मैं….ओह…. भैया..आहा… मैने उसकी जांघो को

खोला और उसके घुटनो को उसके कंधे से लगा दिया अब उसके बालों से भरी चूत

ठीक मेरे सामने थी मेरी मासूम बहन रूपा कितनी अश्लील लग रही थी एक रंडी

की तरह मैने अपना लंड उसकी चूत के मुँह पर टिकाया.



मेरा लंड धीरे- धीरे उसकी चूत की तरफ लपका वो कुछ असहज सा महसूस कर रही

थी जब मैने एक धक्का दिया तो वो दर्द से चिल्लाई मैने पूछा क्या हुआ रूपा

डार्लिंग अरे दर्द हो रहा है क्या वो बोली हाँ भैया बहुत दर्द हो रहा है

आप प्लीज़ मेरे को थोड़ा 2 मिनिट रिलेक्स होने का समय दो फिर मैं आपका

पूरा लंड अन्दर ले लूँगी उसकी आखों मैं आंसू थे मैने उसे चूमा और उस पर

झुक कर उसके निपल चूसने लगा जब मैने देखा मेरी बहन ठीक हो गयी है मैने एक

ज़ोर का झटका दिया और जबरदस्ती अपना लंड उसकी चूत मैं उतार दिया लंड चाकू

की तरह उसकी चूत की गहराई मैं चला गया मेरी छोटी बहन की चूत टाइट थी वो

चिल्लाई… आआहा… भैया…. थोड़ा धीरे-धीरे से करो आपकी छोटी बहन हूँ मैं फिर

धीरे- धीरे चूत मैं धक्के देने लगा.



मैने चोदते चोदते रूपा से पूछा ऐसे ही तुम्हारा पति तुम्हे चोदता होगा वो

शरमाते हुये बोली नहीं भैया ! तो वो कैसे चोदता था तुम्हे. तो उसने जवाब

दिया ठीक है वेसे एक अच्छा पति था लेकिन उसका लंड बहुत ही छोटा सा था और

वो 10 सेकेंड मैं ही झड़ जाता था अब मैने एक बार फिर उसकी जांघो को चोडा

किया और उसके पैर को उसके सर के पास लगाया उसका पूरा शरीर मुड़ गया था और

उसकी चूत सबसे उपर आ गयी थी और मेरा लंड लगातार उसकी चूत मैं पंपिंग कर

रहा था। ए.सी चलने के बावजूद रूपा पसीने से पूरी तरह भीग चुकी थी उसने

फिर अपनी चूत के होठों को खोला जिससे मेरा लंड और आराम से उसकी चूत मैं

जा सके खुशी, उत्तेजना और आनन्द से उसके विधवा शरीर मैं एक लहर सी उठी और

मैं लगातार उसकी चूत मैं लंड पेल रहा था.



मैने थोड़ा बेशर्मी से रूपा से पूछा जब तुम्हारा पति तुम्हे चोदता था

क्या तब भी तुम इस तरह से गांड उठा-उठा कर लंड लेती थी और कितनी बार वो

तुम्हे चोदता था वो बोली हाँ भाई लेकिन रोज़ नहीं वो मुझे कोई 10-15 दिनो

मैं ही चोद पाता था मेरा लंड उसकी चूत की गहराई मैं छेद कर रहा था और

रूपा के मुहँ से आह आऐईईइ हाह्ह्ह्हह की आवाज निकल रहीं थी वो मोनिंग कर

रही थी और वो अपने होठों को काटने लगी मैं समझ गया की मेरी बहन ऑर्गॅज़म

(चरम सुख) के करीब है मैने अपने लंड से ज़ोर- ज़ोर के शॉट मार रहा था

उसने अपनी चूत से मेरा लंड कसना शुरू कर दिया और उसकी योनि सुकड़ने लगी

(योनि संकुचन) मैने फिर अपने लंड मैं एक अंगड़ाई ली और रूपा से पूछा क्या

वो तुम्हे संतुष्ट कर देता था और तुम्हे चरम सुख (ऑर्गॅज़म) मिलता था

उसने जबाब दिया नही भैया.



मेरा पति जब भी चोदता था एक तो उसका लिंग बहुत छोटा था 2 साल की शादी मैं

मुझे कोई 2-3 बार ही वो मुझे चरम सुख (ऑर्गॅज़म) दे पाया था रूपा ने अपने

होठों को काटते हुये अपना ध्यान अपने ऑर्गॅज़म (चरम सुख) पर किया मै भी

अब और ज़ोर– ज़ोर से धक्के देने लगा उसने मुझे अपनी बाहों मैं भर लिया और

वो अपने चुत्तड उठा– उठा कर अपनी चूत मेरे लंड से रगड़ने लगी अपनी पूरी

ताक़त से अचानक उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ लिया और फिर उसे ऑर्गॅज़म

(चरम सुख) हुआ वो पूरी गीली हो गयी और धीरे-धीरे हाफने लगी उसकी

सिस्कारियों (मोनिंग) की आवाज़ तेज होने लगी और मेरी पीठ मैं उसने अपने

नाख़ून गडा दिये और उसका ऑर्गॅज़म कोई 1 मिनिट तक चला और पूरे समय वो

चिल्लाती रही आनन्द में और अंत मैं वो थक के बेदम हो कर बिस्तर पर गिर

गयी.



थोड़ी देर मैं उसे होश आया और बोली भैया अब आपके सुख की बारी है मैने कहा

नहीं रूपा मैं तुम्हारी चूत मैं नहीं झडूगा मैं तुम्हे प्रेग्नेंट नहीं

करना चाहता हूँ तुम चाहो तो हम ओरल कर लेते हैं वो बोली नहीं भैया मैं

चाहती हूँ आज आप मेरी चूत को अपने रस से भर दो और मेरे अन्दर ही अपने

वीर्य रस की पिचकारी छोड़ो आप तो अपनी बहन को पाना चाहते थे अब तो मेरा

शरीर आपका ही है अब मैं अपने ताकतवर भाई का कीमती बीज़ अपनी बच्चेदानी

मैं चाहती हूँ भैया आज रात मुझे ज़ोरों से चोदो मुझे और भर दो अपनी बहन

की चूत अपने पानी से और मेरे शरीर को जी भर के दबाव और चूसो ऐसा कहा कर

उसने अपनी चूत मैं मेरा लंड जकड़ लिया और मैने फिर उसकी चूत की गहराई मैं

सूपर ऑर्गॅज़म परम आनंद पाया.



आज अपनी बहन की चूत में मेरे वीर्य की पिचकारी उसकी बच्चेदानी पर जा कर

पड़ी और मेरे गाढे गाढे वीर्य से मैने उसकी योनि तृप्त कर दी और फिर

निढाल हो कर उस पर गिर गया वो धीरे से बोली हाँ भैया आप अब खुश हो अपनी

छोटी बहन की चूत मैं अपना बीज डाल कर? मैने कहा हाँ जान तुम सच में बहुत

प्यारी हो और उससे ज़्यादा प्यारी तुम्हारी चूत है जिसने मेरा लंड पंप

की तरह चूस लिया और मैने उसका माथा चूम लिया फिर वो बोली मुझे उम्मीद है

ये हमारा आखरी बार होगा आफ्टर ऑल मैं आपकी छोटी बहन हूँ क्या होगा जब

लोगो को इसके बारे मैं पता चलेगा मैं बोला पागल मत बनो हम दोनो को आज

कितना आनन्द मिला और हम दोनो ने एक दूसरे से कितना सुख प्राप्त किया.



तुम एक विधवा हो और मैं एक विधुर लेकिन इससे पहले तुम एक जवान लड़की हो

और मैं एक मर्द और तुम्हे रोज़ एक मजबूत लंड चाहिये अपनी चूत के लिये जो

तुम्हे रोज़ मजबूती से चोदे और आज के बाद तुम मेरी बहन ही नहीं बल्कि

मेरी प्रेमिका भी हो मैं तुम्हारे बिना नहीं रहा सकता वो बोली भैया रह तो

मैं भी आपके बिना नहीं सकती लेकिन बहन भाई मैं ये सब पाप है किसी को पता

चला तो फिर क्या होगा मैने शरारत भरी मुस्कान से पूछा! तुम्हे पता है

तुम्हारे पड़ोस मैं कौन रहता है? वो बोली नहीं तुम्हारे नीचे? उसने ना

मैं सर हिलाया या उन्हे पता है की हम दोनो के बीच मैं क्या रिश्ता है वो

बोली नहीं तो पगली फिर किस से डरना आज से हम दोनो पति पत्नी हैं जो एक

दूसरे से बेहद प्यार करते हैं बस यही हमारा रिश्ता है क्या तू मेरी वाइफ

बनेगी रूपा शरमाते हुये बोली ओके भैया जैसी आपकी मर्ज़ी.



मैने अपनी दो उंगलियाँ उसकी वीर्य से(सीमेन) भरी चूत मैं डाल दी और हल्का

सा धक्का दिया और बोला आज मेरी प्यारी बहन मेरी मालकिन भी बन गयी आज से

ये तेरा जवान शरीर मेरे लिये है तेरे अपने भाई के सुख के लिये और आज के

बाद प्लीज़ अपने इन बालों (प्यूबिक हेयर) को कभी शेव नहीं करना मैं चाहता

हूँ ये बाल और बड़े हों और चूत के साथ गांड पेट सब जगह फैल जायें और आज

मैं तेरी गांड अपने शहद रस से भरना चाहता हूँ ठीक है भैया आपको खूब बाल

चाहिये मेरे वहाँ पर तो अब मैं कभी वहाँ के बालों को शेव नहीं करूँगी

आपके सुख के लिये और अब आप जब चाहो मेरे शरीर से मज़े ले सकते हैं आख़िर

मैं हूँ तो आपकी ही बहन तो दोस्तों इस तरह से हम दोनों भाई बहन में एक

अनोखा रिश्ता बन गया..