दीदी को दिया अनमोल गिफ्ट Didi Ko Anmol Gift

हेल्लो मेरा नाम राज है. में 22 साल का हूँ. ये स्टोरी मेरी ओर मेरी बहन

की है की कैसे मैने अपनी बहन को चोदा. ओर ना सिर्फ़ चोदा बल्कि एक अनमोल

गिफ्ट भी दिया. वो अनमोल गिफ्ट है एक बेटी जो की मेरी है ओर में अपनी

बेटी से बहुत प्यार करता हूँ. मेरी बहन का नाम सपना

है. उसकी उम्र 26 साल है. उसकी शादी हो चुकी है. वैसे तो उस पर मेरी बुरी

नियत शुरू से ही थी. मेरा उस पर मन कैसे खराब हुआ ये में आपको बताता हूँ।



उस वक़्त में 8th क्लास मे था तो किसी कारन उस दिन मेरे स्कूल मे छुट्टी

हो गई तो उस दिन में घर जल्दी आ गया. जब में घर पहुचा तो देखा की पापा

ऑफीस चले गये है ओर माँ भी घर मे नही थी. तब मैने दीदी से पूछा की माँ

कहा है तो दीदी बोली की माँ पडोस मे गई है उनके यहा पूजा है सो देर से घर

आएगी. मैने कहा ठीक है ओर मे घर मे बैठ कर पढ़ाई करने लगा. हमाँरे घर मे

बाथरूम नही था. उस वक्त हम लोग हॅंड पंप के पास ही बैठ कर नहाते थे. जब

माँ ओर दीदी नहाने जाती थी तो रूम का दरवाज़ा बाहर से लॉक कर देती थी. जब

में पढ़ाई कर रहा था तो दीदी बोली की राज में नहाने जा रही हूँ तुम पढ़ाई

करो में दरवाज़ा बाहर से लॉक कर देती हूँ तो मैने कहा ठीक है।





फिर दीदी बाहर चली गई ओर रूम बंद कर दिया. पर उस दिन ग़लती से रूम ठीक से

लॉक नही हुआ ओर उनके बंद करते ही तोड़ा सा दरवाज़ा खुल गया जो दीदी ने

ध्यान नही दिया. फिर दीदी नहाने को बैठ गई तो अचानक मेरी नज़र उन पर

पड़ी. तो मेने देखा की दीदी अपने कपड़े उतार रही है. में दीदी को देख कर

शॉक रह गया ओर उन्हे देखता ही रहा. जनरली दीदी घर मे टॉप्स ओर स्कर्ट ही

पहनती है. मैने दीदी को देखा वो अपना टॉप्स निकाल रही थी ओर फिर अपना

स्कर्ट निकाली. अब दीदी सिर्फ़ ब्रा पेंटी मे थी. में तो दीदी को देखता

ही रह गया. फिर दीदी ने अपनी ब्रा ओर पेंटी भी निकाल दिया ओर नहाने लगी.

वो पूरी नंगी होकर नहा रही थी ओर जब अपने बदन पर साबुन लगा थी तो अपने

चुचि को दबा रही थी जो में देखकर काफ़ी उत्तेजित हो गया. 10 मिनट तक दीदी

नहाती रही ओर में उनके नंगे जिस्म को देखता रहा. फिर दीदी कपड़े पहन कर

रूम मे आ गई। उस दिन के बाद से मेरी नियत दीदी के लिए खराब हो गई. ओर जब

भी फिर मौका मिलता में उन्हे नंगा देखने की कोशिश करने लगा।

हमाँरे घर मे 2 ही रूम है तो एक रूम मे माँ ओर पापा सोते थे ओर दूसरे रूम

मे में ओर दीदी. डबल बेड होने के कारण हम दोनो साथ मे ही सोते थे तो रात

मे सोते हुए मैने दीदी के जिस्म से खेलना सुरू कर दिया. जब वो रात मे

सोती थी तो में उसके चुचियो को दबाता ओर स्कर्ट के अंदर हाथ डाल कर पेंटी

के उपर से ही उसकी चूत से खेलता. कुछ दिन जब कुछ नही हुआ तो मेरी हिम्मत

बढ़ गई ओर में अपना हाथ उनके कपड़ो के अंदर डालने लगा ओर में उनके चुचि

ओर चूत से खेलने लगा. पर दीदी को कभी ना कभी तो पता चलना ही था सो एक दिन

में पकड़ा गया. में उस वक्त बहुत डर गया ओर दीदी से गिडगिडाया की दीदी

माँ ओर पापा से मत कहना तो वो माँन तो गई पर साथ मे धमकी भी दे दी की अगर

अगली बार से मैने ऐसा कुछ किया तो वो मेरी कुछ नई सुनेगी ओर माँ पापा को

मेरी हरकतो के बारे मे बता देगी।

मैने कहा ठीक है. फिर दिन ऐसे ही बीतने लगे. मैने वो सब काम तो छोड़ दिया

पर उनको चोदने की इच्छा तो मेरे मन मे ही थी. जब वो 24 की हुई तो उसकी

शादी हो गई. ओर वो अपने ससुराल चली गई. ओर उसके बाद से ही मेरे अच्छे दिन

सुरू हो गये. शादी के बाद जब 1 टाइम दीदी मेरे घर आई तो दीदी बहुत

खूबसूरत लग रही थी. रात को जब हम सोने गये तो पता नही मेरे मन मे क्या

हुआ मैने फिर से उनके बदन को छुना स्टार्ट किया. वो साड़ी मे ही सो रही

थी. तो मेरा हाथ उनकी कमर पर गया. तब मैने दीदी के मूह से हल्की मोन की

आवाज़ सुनी. मुझे तोड़ा अजीब लगा पर उससे आगे बढ़ने की मेरी हिम्मत नही

हुई. अगले दिन सुबह मेरी कुछ जल्दी आँख खुल गई. तो मैने पाया की दीदी

मेरे से चिपकी हुई थी ओर उनका पैर मेरे उपर था।

उनकी साड़ी घुटने तक उटी हुई थी ओर उनका हाथ मेरे पैंट के उपर से ही मेरे

लंड को पकड़े हुए था. मुझे या सब देख कर बहुत अच्छा लगा. तब मैने तोड़ा

बदमाँसी किया ओर उनका हाथ पहले तो अपने लंड पर से हटाया फिर मैने अपना

पैंट खोला ओर तोड़ा नीचे किया ओर अंडरवेयर भी तोड़ा सरकाया जिससे मेरा

लंड बिल्कुल फ्री हो गया. फिर मैने दीदी का हाथ अपने नंगे लंड पर रखा ओर

धीरे धीरे दीदी के ब्लाउस के सारे बटन खोल दिया वो अंदर ब्लॅक कलर का

ब्रा पहनी हुई थी. फिर में वैसे ही लेटा रहा. जब थोड़ी देर बाद दीदी की

आँख खुली तो शायद वो शोक रह गई. मैने तो डर से अपनी आँख नही खोली पर मुझे

इतना ज़रूर लगा की वो तोड़ा हड़बड़ा गई है. फिर मैने आँख तोड़ा सा खोला

देखा की दीदी अपना ब्लाउस का बटन बंद कर रही है।

मैने फिर अपनी आँख बंद कर ली. तब दीदी मेरे लंड को अंडरवेयर से छुपाया ओर

रूम से बाहर चली गई. हम सोते वक़्त रूम लॉक कर सोते है सो किसी को कुछ

पता नही चला. थोड़ी देर में भी उठा पर मुझे बहुत डर लग रहा था की बाहर

पता नही क्या हो रहा होगा. कहि दीदी माँ से तो नही बोल दी. थोड़ी देर में

वैसे ही बैठा रहा तो थोड़ी देर बाद दीदी चाय लेकर मेरे रूम मे आई ओर मुझे

चाय दिया. वो कुछ बोली नही पर उस वक्त वो बहुत सीरीयस लगी. मेरी तो हालत

खराब हो गई. खैर में चाय पीने के बाद रूम से बाहर आया तो पापा ऑफीस के

लिए रेडी हो रहे थे. माँ नॉर्मल थी ओर दीदी भी नॉर्मल लगने की कोशिश कर

रही थी पर शायद उसके दिमाँग़ मे वही सब घूम रहा था. खैर उन्होने किसी से

इस बात को नही कहा ओर दिन ऐसे ही बीत गया. फिर उस रात को जब हम सोने गये

तो दीदी अपने उसी पुराने ड्रेस मे थी टॉप्स ओर स्कर्ट मे. मुझे ये देख कर

बहुत अच्छा लगा. की चलो आज शायद बहुत दीनो के बाद ऐश करने का मौका मिले.

रात इसी तरह गुज़रने लगी. फिर में अचानक उठा तो दीदी ने मुझसे पूछा की

क्या हुआ तो मैने कहा कुछ नही में ज़रा पैंट चेंज कर के आता हूँ तोड़ा

अनकंफर्टबल फील कर रहा हूँ तो दीदी ने कहा की रोज़ तो तुम ऐसे ही सोते हो

तो आज क्या प्रोब्लम है।

तो मैने कहा सुबह मेरे पैर मे चोट लग गई तो सो तोड़ा सा कट गया है. पेंट

के कारन वो तोड़ा दर्द कर रहा है तो दीदी बोली ठीक है जाकर लूँगी पहन लो.

में खुस हो गया ओर तुरंत ही चेंज करके आ गया. मैने पेंट के साथ साथ अपनी

अंडरवेयर भी उतार दी थी. फिर हम सो गये. फिर रात मे मैने फील किया की

दीदी का हाथ मेरे लंड पर था लूँगी के उपर ही तब मैने किया की अपनी लूँगी

पूरी खोल कर अलग कर दी ओर नीचे से पूरा नंगा हो गया. मेरा लंड कुतब मीनार

सा खड़ा हो गया था. मैने उपर भी कुछ नही पहना था सो में कंप्लीट्ली नंगा

था. फिर मैने दीदी का हाथ अपने लंड पर रखा ओर उसके टॉप्स के बटन खोलने

लगा. तभी दीदी तोड़ा हिली ओर मेरा लंड ज़ोर से पकड़ ली ओर मुझसे ओर चिपक

गई ओर अपना होंठ मेरे बहुत पास ले आई. उस वक़्त में बहुत एग्ज़ाइटेड हो

गया पर में कंट्रोल कर रहा था. फिर मैने किसी तरह दीदी के टॉप्स का बटन

खोला तो उनके ब्रा मे से चुचि बाहर आ गई. उनकी चुचि ब्रा मे बहुत मस्त लग

रहे थे. खैर फिर मैने किसी तरह उनका स्कर्ट उपर किया जिससे उनके पेंटी

दिखने लगे फिर उसी पोज़ मे में सो गया।

अगली सुबह मेरी आँख देर से खुली. तब मैने देखा की दीदी जाग चुकी थी ओर

रूम से बाहर चली गई थी. रूम का दरवाज़ा लगाया हुआ था ओर में नंगा ही सोया

हुआ था. उस दिन भी कुछ नही हुआ ओर दिन ऐसे ही बीत गया. उस रात जब में

सोने आया तो दीदी मुझे अजीब निगाओ से देख रही थी. शायद उन्हे शक हो गया

था की रात को वो सब में करता हूँ सो उस रात मैने कुछ ना करने की सोची. उस

दिन भी में सिर्फ़ लूंगी मे था. ओर जैसा की मैने सोचा था दीदी सोने का

नाटक करने लगी पर उस रात मैने कुछ नही किया पर में सारी रात सो भी ना

सका. खैर किसी तरह रात कट गई. ओर अगली सुबह मुझे दीदी नॉर्मल लगी. शायद

उन्हे शक था की उनके साथ रात मे में वो सब करता हूँ जो अब दूर हो गया था.

उस दिन पापा के ऑफीस जाने के बाद माँ भी पडोस मे चली गई थी. ओर उस वक़्त

घर मे मेरे ओर दीदी के अलावा ओर कोई नही था।

तब दीदी मे मुझसे कहा की "राज तुम जाकर नहा लो" तो मैने उनसे कहा की दीदी

अभी नही पहले आप नहा लो फिर मैं नहा लूँगा. तब दीदी ने अचानक मुझसे कहा

की ठीक है चलो आज दोनो साथ मे ही नहाते है. ये सुनकर में तो बहुत खुस हुआ

पर भाव खाते हुए मैने उनसे कहा की "दीदी ये आप क्या बोल रही हो, आप मेरी

दीदी हो में आपके साथ कैसे नहा सकता हूँ" तो दीदी बोली "क्यू नहाने मे

क्या बुराई है?" तब मैने कहा कुछ नही. तो दीदी बोली देखो माँ आ जाएगी तो

उनके आने से पहले चलो नहा लिया जाए. तो मैने कहा की ठीक है चलो नहा लेते

है. तब में ओर दीदी हॅंड पंप के पास जाकर बैठ गये तो दीदी ने मुझसे कहा

की लूँगी निकाल दो. मैने उनसे कहा की मैने अंदर कुछ नही पहना है तो वो

मुस्कुराने लगी ओर बोली की जा अंदर जाकर अपनी अंडरवेयर पहन ले।

में अंदर गया ओर अंडरवेयर पहनकर आ गया. अब में दीदी के सामने में सिर्फ़

अंडरवेयर मे था. मैने भी दीदी से कहा की दीदी आप भी अपने कपड़े निकाल लो

तो दीदी मुस्कुराते हुए बोली की नही में ऐसे ही नहाउंगी. तब में कुछ नही

बोला. फिर हम नहाने लगे. दीदी मुझ पर पानी डाल कर मुझे साबुन लगाने लगी.

मुझे बहुत मज़ा आ रहा तो तो मैने भी उन पर पानी डाल दिया. तब दीदी मुझ पर

प्यार से चिल्लाई की राज क्या कर रहे हो. तो मैने कहा अपनी दीदी से

प्यार. दीदी के ब्रा सॉफ सॉफ दिख रहे थे. उस दिन उससे ज्यादा कुछ नही हुआ

पर वो रात हमाँरी सुहागरात होने वाली थी. उस दिन लक भी हमाँरे साथ था.

शाम को पापा आए तो वो बोले की उन्हे ओफीशियल तौर पर आउट ऑफ स्टेशन जाना

है।

तब मैने कहा की माँ भी पापा के साथ घूम आए. पापा माँन गये पर माँ बोली की

तो घर पर कोन रहेगा. तब मैने कहा में ओर दीदी है ना ओर तो बस 15 दिन की

ही तो बात है क्या हो जाएगा. माँ भी माँन गई ओर वो ओर पापा फिर चले गये.

उस रात दीदी ओर में जब सो रहे थे तो मैने फील किया की दीदी मेरे लंड से

खेल रही है. मुझे बहुत अच्छा लगा. थोड़ी देर तक खेलने के बाद दीदी मेरे

पेंट के अंदर अपना हाथ डाल दी ओर मुझसे चिपक गई. मैने अच्छा मौका देख कर

अपने होंठ दीदी के होंठ से लगा दिए ओर चूसने लगा. दीदी ने भी कुछ नही कहा

ओर हम दोनो पागलो की तरह किस करते रहे. लगभग 15 मिनट तक हम एक दूसरे को

पागलो की तरह किस करते रहे फिर हम अलग हुए. तब हम पहली बार एक दूसरे को

देखे ओर खूब ज़ोर से हंसे. तब मैं एक बार फिर खूब ज़ोर से दीदी के होंठ

को चूसा ओर उनसे कहा की दीदी i love u . दीदी भी मुझसे बोली की राज i

love u 2.

फिर दीदी मुझसे बोली राज तुम खुस तो हो ना तो मैने कहा हा दीदी में बहुत

खुस हूँ पर दीदी क्या में आपको….. दीदी बोली बोल ना पागल शर्माता क्या है

तो मैने कहा दीदी में आपको नंगी देख सकता हूँ तब दीदी ने मेरे होंठ पर

ज़बरदस्त किस किया ओर बोली मेरे भाई आज हमाँरी सुहाग रात होने वाली है.

मुझे नंगा देखना तो क्या जितना जी चाहे चोदना अब से तुम मेरे दूसरे पति

हो. पर तुम नहाकर तैयार हो जाओ में कुछ कपड़े देती हो तुम पहन लो ओर में

भी थोड़ी देर मे तैयार होकर आती हूँ पर तब तक वेट करो… मैने कहा ठीक है..

फिर दीदी नहाने चली गई ओर नहाकर माँ के रूम मे घुस गई. में भी नहाकर रूम

मे आया था कुर्ता पजामा रखा हुआ तो जो मैने पहन लिया. थोड़ी देर के बाद

दीदी मुझे माँ के रूम मे पुकारा जब में वहा गया तो देखा की दीदी दुल्हन

बन कर बेड पर बैठी है. मैने वो रूम अंदर से बंद किया ओर उनके पास गया. तब

दीदी ने मुझे पीने को दूध दिया ओर मेरे कान मे बोली. आज में सिर्फ़

तुम्हारी हूँ जो करना चाहो करो में कुछ नही बोलूँगी…

तब में दीदी के पास बैठ गया ओर सबसे पहले उनके शरीर से सारी ज्वेलरी

निकाल कर अलग की. फिर मैने उनकी साड़ी निकाल दी. दीदी शरमाकर सिर झुका कर

खड़ी थी. फिर मैने. दीदी के शरीर से उनकी ब्लाउस ओर पेटिकोट को अलग किया.

अब दीदी सिर्फ़ ब्रा पेंटी मे थी. तब दीदी ने कहा की सिर्फ़ मेरे कपड़े

ही खोलोगे. अपने भी तो निकालो. तो मैने कहा क्यू तुम खुद ही निकाल लो. तब

दीदी ने मुझे भी नंगा किया ओर मैने उनके बदन से बाकी बचे कपड़े अलग कर

लिए. अब हम दोनो भाई बहन बिल्कुल नंगे खड़े थे।

फिर हम दोनो एक दुसरे से चिपके ओर हमारे सारे अंग एक दूसरे से चिपके हुए

थे हमारे होंठ छाती मेरा लंड ओर उनकी चूत सब कुछ. थोड़ी देर किस करने के

बाद हम अलग हुए ओर फिर मैने दीदी को अपने गोद मे उठाया ओर बेड पर लिटा

दिया. ओर उनके चुचि चूसने लगा. दीदी आवाज करने लगी अहह राजा चुसो औररर

जोर से उफफफफ्फ़ चूस भाई चूस.. ऊहह माँआआ. लगभग 15-20 मिनट तक उनके लेफ्ट

चुचि चूसने के बाद मैने उनके राईट चुचि पर अटॅक किया ओर उसे भी खूब चूसा.

फिर मेरा अगला निशाना बना मेरी दीदी की चूत. मैने जैसे ही अपने होंठ दीदी

के रसीली चूत पर रखा दीदी चिल्ला उठी. आअहह.. में उसे चाटने लगा ओर उनकी

चूत के अंदर अपने जीभ डालने लगा दीदी मेरा सिर पकड़ कर अपने चूत मे दबाने

लगी ओर अपना सिर इधर उधर पटक रही थी ओर चिल्ला रही थी म्‍म्म्माआअ काट

बहनचोद और चाट बिल्कुल रंडी बना दे अपनी बहन को साले… लगभग 20 मिनट तक

चाटने के बाद दीदी का अमृत निकल गया ओर लाइफ मे फर्स्ट टाइम मैने अमृत

पिया ओर वो भी अपनी दीदी का।

दीदी बहुत खुस हुई ओर मुझे उपर खिच कर मेरे होंठो को चूसने लगी ओर बोली

कैसे लगा अपनी बहन की चूत चाट कर ओर उसका अमृत पीकर. मैने कहा में ये

अमृत रोज़ पीना चाहता हूँ… तब दीदी ने कहा हा.. हा.. ये तुम्हारे लिए ही

तो है जब दिल करे इसे पी लेना… फिर दीदी ने मुझसे कहा की अब तुम लेट

जाओ.. मुझे भी आइस-क्रीम खानी है. मैने कहा हा.. हा.. क्यू नही… फिर दीदी

मेरे लंड को अपने मूह मे ले लिया हहा.. चूसो ओर चूसो साली रंडी चूस इसको

चूस… ओर 15-20 मिनट बाद मैने कहा की दीदी में आ रहा हूँ ओर मेरा भी अमृत

दीदी के मूह मे मेरा अमृत इतना निकला की दीदी का मूह पूरा भर गया ओर कुछ

बाहर उनके चुचि पर भी गिरा जिसे वो उठा कर पी गई. हम फिर एक दूसरे की किस

करने लगे।

फिर 25-30 मिनट हम ऐसे ही लेटे रहे ओर फिर दीदी बोली चलो अब घोड़े दौडाने

का वक़्त आ गया है… मैने कहा हा.. मैदान भी गीला है बड़ा मज़ा आएगा… फिर

हम दोनो हसणे लगे. फिर में उठा ओर दीदी के चूत मे अपना लंड उसमे डालने

लगा. दीदी की चूत बहुत टाइट थी. मुझे ये तोड़ा अजीब लगा तो मैने दीदी से

कहा की दीदी जीजा जी से चुदने के बाद भी तुम्हारी चूत इतनी टाइट केसे है…

तो दीदी ने बताया की उनका लंड बहुत छोटा है ओर ठीक से अंदर भी नही जाता…

अभी तक तो मेरी सील भी नही टूटी है ओर इसे अब तुम ही तोडो. तब मैने कहा

ठीक है साली कुत्तिया देख अब ये कुत्ता क्या करता है ओर मैने अपने लंड को

उनके चूत पर रख कर एक ज़ोरदार धक्का दिया ओर मेरा लंड आधा उनके चूत मे

गुस गया।

दीदी चिल्ला उठी तब मैने अपने होंठ उनके होंठ पर रखे ओर फिर थोड़ी देर

बाद उनसे पूछा क्या हुआ रुक जाऊ क्या.. दीदी के चूत से खून आ रहा था. पर

उन्होने कहा हरामी मैने रुकने को कहा क्या चोद साले कुत्ते जैसे चोद..

मैने फिर धक्का दिया ओर मेरा पूरा लंड उनके चूत मे. ओर आहह रही थी. फिर

मैने धक्के देना स्टार्ट किया. ओर में 30 मिनट तक उनको चोदता रहा. फिर इस

दौरान वो 3 बार झड़ी. फिर मैने कहा दीदी में भी आ रहा हूँ.. दीदी ने कहा

अंदर ही निकालो ओर थोड़ी देर मे में भी झड़ गया. जब में झेड रहा था दीदी

मुझे ज़ोर से पकड़ी थी ओर बोली आह क्या एहसास है अपने भाई का अमृत लिया।

इसी तरह हमारे दिन बीत गये ओर में उन्हे हर वक़्त चोदता रहता. दिन मे 30

बार डेली. कुछ दिन के बाद माँ पापा आ गये तो तब हम रात मे चुदाई करते थे.

फिर कुछ दिन बाद दीदी भी अपने ससुराल चली गई. फिर 1 माह बाद दीदी का फोन

आया वो मुझसे बोली की राज तुम बाप बनने वाले हो.. ये सुनकर में बहुत खुश

हुआ. फिर दीदी ने एक बेटी जो जन्म दिया जो बिल्कुल मेरे जैसी है. उसके

बाद भी में ओर दीदी अक्सर चुदाई करते थे. दीदी अब फिर प्रेग्नेंट है. ओर

ये भी मेरा ही बच्चा है. में फिर बाप बनने का वेट कर रहा हूँ।