हेल्लो चुदक्कड़ लड़को और मेरी प्यारी चूत वाली बहनों केसे है आप सबके
लंड और चूत…? बहुत दिन बाद आज फिर से आपकी चहेती अपनी नयी कहानी के साथ
हाजिर है और मैं आप सबकी तहेदिल से शुक्रगुजार भी हूँ की मुझे इतने…इतने
दिन हो जाते है मैं कोई कहानी लिख नही पाती
हूँ फिर भी आप लोग मेरी किसी भी कहानी का बहुत बेसब्री से इंतज़ार करते
है बहुत बहुत शुक्रिया आप सबका मेरी दुआ है की लंड वालो को चूत और चूत
वालियों को लंड की कमी ना होने पाए।
हां तो दोस्तों इस बार की कहानी भी मुझे मेरे 1 दोस्त ने भेजी है जिनकी
उम्र 48 साल है और उनकी वाइफ 45 साल की स्मार्ट और थोड़े मोटे बदन की
महिला है और उनके 2 बच्चे भी है राजा 20 साल और सोनिया 16 साल दोनो बच्चे
अच्छे स्कूल मे पड़ते है. घर पर मिया बीवी और उनके दादा यानी की बच्चों
के दादा रहते है. अनिल की सेक्स लाइफ बहुत अच्छी चल रही थी की अचानक उनकी
हंसते खेलते परिवार मे हादसा हो गया. अनिल की वाइफ राधा की रोड हादसे मे
मौत हो गयी जैसे तैसे ये वक़्त भी कट गया। 2 महीने बाद दादा जी ने कहा कि
मुझसे तेरा अकेलापन देखा नही जाता तू अभी जवान है.. दूसरी शादी क्यों नही
कर लेता…
दादा के बहुत ज़ोर देने पर अनिल ने दूसरी शादी कर ली उसकी बीवी की उम्र
करीब 23 साल रही होगी लंबी चौड़ी काया वाली गोरी सी लड़की थी सुनीता नाम
था उसका बच्चे नयी मम्मी पाकर बहुत खुश थे. शादी के कुछ दिन बाद बच्चे
वापस चले गये और अनिल भी दिन भर अपने काम पर जाता घर मे सिर्फ़ ससुर और
बहू रह जाते थे और सुनीता अभी बहुत ही जवान थी और उसका पति 1 अधेड़ तो
उसके जिस्म की प्यास बुझ नही पाती थी. इसलिए वो कुछ उदास सी रहती थी दादा
जी की पारखी नज़रों ने सुनीता की उदासी भाप ली और वो उसको खुश रहने की
सलाह देने लगे की बहू बोला करो पर भला बोलने से कहीं चूत की खुजली मिटती
है।
शादी को 6 महीने हो गये पर सुनीता की चूत की गर्मी बजाए ठंडी होने के और
भड़कती जा रही थी ऐसे मे 1 दिन उसने ससुर जी को नहाते वक्त उनका टावल
नीचे गिर जाने से उनका लंड देख लिया जो की साइज़ मे उसके पति से दुगना
बड़ा था यानी की पति का 4″था तो उनका 8″ उनका लंड देख कर सुनीता की प्यास
और भड़के गयी और उसके मन मे अपने ससुर के प्रति गंदे विचार आने लगे पर
बहू होने के नाते उसकी हिम्मत नही बड रही थी पर उसने मन ही मन अपने ससुर
से चुदवाने की ठान ही ली थी पर ससुर जी बहुत धार्मिक किस्म के थे। वो बात
अलग है की टीवी पर वो हमेशा ही एडल्ट प्रोगाम देकना पसंद करते थे।
अब सुनीता उनके सामने पल्लू नही लेती थी और झाड़ू खटके वक़्त तो वो पूरी
तरह से पल्लू गिरा देती थी जिससे की उसकी चूचियाँ साफ़ नज़र आती थी पर
ससुर जी उस तरफ देख कर फ़ौरन ही नज़रे घुमा लेते थे पर सुनीता ने भी ठान
ही लिया की आख़िर कब तक इनके अंदर का शेतान नही जागेगा और अब तो वो बहुत
ही महंगे सूट पहनती थी और रात को अनिल के आने के बाद खूब जम कर चुदवाती
थी. हांलाकि की उसकी प्यास बुझती नही थी पर वो जानती थी की बगल मे बाबू
जी का रूम है और वो उन लोगों की मादक सिसकारी भरी आवाज़ ज़रूर सुन रहे
होंगे यही सोच कर वो अपने मूह से जानबूझ कर किसी चुदाई सीन की तरह आअहह
ऊऊहह उूउउ…फ़फ्फ़.. की आवाज़ें निकालती थी।
जबकि अनिल कहता भी था की प्लीज सुनीता धीरे आवाज़ करो बगल मे बाबू जी
सुनेगे तो क्या सोचेंगे पर सुनीता तो यही चाहती ही थी उसके बाद अनिल को
15 दिन के लिए बाहर जाना पड़ गया वो बोला की शहर से राजू को बुला लेता
हूँ वो रुक जाएगा पर सुनीता ने मना कर दिया की बेकार मे उसकी पढाई का
हरज़ाना होगा रहने दो… मैं और बाबू जी मेंनेज कर लेंगे… अनिल के जाने के
बाद दुसरे दिन सुनीता ने मन मे ठान ही लिया की आज चाहे कुछ भी हो मैं
बाबूजी से चुदवा कर ही दम लूँगी..
सुबह नहाने के बाद उसने बहुत ही सेक्सी नाईटी निकाली और उसने नीचे ब्रा
भी नही पहनी सिर्फ़ नीचे रेड कलर की पेंटी डाल कर वो बाबू जी के रूम मे
नास्ता देने गयी तो बाबू जी बहू के इस रूप को देखकर सन्न रह गये पर
उन्होने झट से नज़रे दूसरी तरफ फेर ली और सुनीता वहीं बैठ गयी और रोने
लगी तो बाबू जी बोले
बाबू जी== क्या हुआ बहू तुम रो क्यों रही हो अर्रे अनिल सिर्फ़ 15 दिन के
लिए ही तो गया है बेटा चुप हो जाओ प्लीज रो मत मैं हूँ ना…
सुनीता== बाबू जी मैं अनिल के लिए नही रो रही अब आपको कैसे बताउ…?
बाबू जी== क्या हुआ बेटा मुझे बताओ तो शायद मैं कुछ कर सकूँ…
सुनीता== बाबू जी आपको बताने वाली बात नही है अगर सासू माँ होती तो शायद
वो मेरा दर्द समझ सकती…
बाबू जी== बेटा मुझे तुम अपना दोस्त समझ सकती हो अब तेरी सासू माँ तो है
नही तो मुझे बता की क्या परेशानी है…
सुनीता== बाबू जी आप तो जानते ही है की अभी मेरी उम्र ही कितनी है और
आपका बेटा …..
बाबू जी== हां तो क्या हुआ मेरे बेटे को…?
सुनीता== बाबू जी आप बुरा तो नही मानेंगे…?
बाबू जी== नही बेटी तू बोल ना मैं बुरा नही मानूँगा
सुनीता== बाबू जी आपका बेटा मुझे संतुष्ट नही कर पाता है…
बहु की बात सुन कर बाबू जी चेहरा लटक गया बोले बहू अब भला इसमे मैं क्या
कर सकता हूँ तू बता जो तू बोले वो कर दूँ…
सुनीता== बाबू जी मुझे कहना तो नही चाहिए पर कह रही हूँ की मुझे आपके साथ……….
उसकी बात भी अभी पूरी नही हुई थी की दादा जी गुस्से से गर्म हो गये
बाबू जी== बहु…. तुम्हारा दिमाग़ तो खराब नही हो गया भला ऐसे बात सोचने
की हिम्मत भी कैसे हुई तुम्हारी मैं तेरे पिता के बराबर हूँ…
जब बाबू जी गर्म हुए तो सुनीता के 1 बार तो होश ही उड़ गये पर उसने भी
अपने तेवर गर्म कर लिए.
सुनीता== ठीक है अगर आप मेरी बात नही मानते तो मुझे तलाक़ दिला दीजिए और
अपने बेटे के लिए किसी और का इंतज़ाम कर लीजिए मैं आज ही यह घर छोड़ कर
जा रही हूँ…
बहू का ये रूप ससुर के लिए नया था और उसके तेवर देख कर उनकी हालत और भी
खराब हो गयी.
बाबूजी== बेटी तू ज़रा ठंडे दिमाग़ से सोच अगर तू चली गयी तो क्या तुझसे
कोई शादी करेगा…?
सुनीता== हां अभी जवान हूँ सुंदर हूँ कोई भी शादी कर लेगा मुझसे पर आप
अपने लड़के के लिए परेशान हो जाओगे सोच लीजिये…
बहुत देर सोचने के बाद बाबू जी बोले बेटी मैं तुझे भला क्या मजा दे
पाऊंगा मैं भी तो बूड़ा हो चला हूँ और फिर तेरी सासू को मरे 12 साल हो
चुके है तब से मैने किसी से सेक्स नही किया है और फिर जब तू मेरे जवान
लड़के से खुश नही है तो फिर मैं तो काफ़ी बुड्डा हूँ…
सुनीता== मैं कुछ नही जानती मुझे बस आपके साथ सहवास करना है
बाबूजी== ठीक है बेटी अगर तेरी यही मर्ज़ी है तो यही सही…
सुनीता== चलिए तो अपने कपड़े उतारिये
सुनीता ने बाबू जी कपड़े उतार डाले और अब बाबूजी सिर्फ़ बड़ा सा कच्छा
पहने थे उनको अभी भी बहुत शरम आ रही थी पर सुनीता तो वासना की देवी बनी
हुई थी सच ही कहा है किसी ने जब औरत पर वासना सवार होती है तो वो कोई भी
रिश्ता नही देखती।
सुनीता ने झट से बाबू जी के होंठो को चूमना सुरू कर दिया और अपने हाथ से
उनका 1 हाथ अपनी नाईटी के उपर से ही अपनी चूची पर दबा लिया चूची पर हाथ
रखने के बाद वो बाबू जी का हाथ अपनी चूची पर दबाने लगी जिससे बाबू जी समझ
गये की ये अपनी चूचियाँ दबवाना चाहती है और बाबू जी ने उसकी चूची को
दबाना शुरू कर दिया और उसके होंठो को चूसने लगे सुनीता ने अपनी जीभ बाहर
निकाली जिसे बाबू जी ने अपने मूह मे भर लिया और चूसने लगे अब बाबू जी भी
उत्तेजित होते जा रहे थे. उन्होने अपना दूसरा हाथ उसकी नाईटी की डोरी
खोलने मे लगा दिया और अगले पल ही उसकी नाईटी नीचे पड़ी थी उसकी चूचियाँ
सामने की तरफ तनी हुई थी जिसे देख कर बाबू जी को जोश आ रहा था और उपर से
सुनीता की रेड कलर की डिज़ाइनर पेंटी जो बहुत ही छोटी सी थी और पूरी तरह
से उसकी चूत को ढँक भी नही पा रही थी उसकी जालीदार पेंटी मे से उसकी
झांटो के बाल बाहर निकल रहे थे।
सुनीता ने बाबू जी के कच्छे मे हाथ डाल दिया था अंदर उनका 8″लंड उछल कूद
मचाए हुए था जिसे उसने हाथ मे पकड़ लिया लंड हाथ मे सुनीता ने जैसे ही
पकड़ा बाबू जी मूह से सिसकी निकल पड़ी।
बाबू जी == आआअहह बहुउऊउ ये तूने क्या किया आज तूने सोए हुए साप को जगा
दिया ऊऊफफफ्फ़ कितना गर्म हाथ है तेरा और तेरी चूचिया जी करता है खा जाऊं
इनको…
सुनीता== हां तो मना किसने किया है खा जाइए ना इनको…
और ज़ोर ज़ोर से बाबू जी का लंड रगड़ने लगी बाबू जी ने उसकी चूचियों को
मूह मे भर लिया और चूसने लगे दूसरी पर हाथ फेर कर कभी मसल तो कभी दबा रहे
थे।
बाबू जी== बहू आज 12 साल बाद मैने किसी लेडी का बदन छुआ हे बहुत मजा आ रहा है…
सुनीता== बाबू जी आज सारी लाज शरम को ताक पर रख दीजिए और भूल जाइए की आज
आप मेरे ससुर है अगर ये रिश्ता हम दोनो याद रखेंगे तो सेक्स का मजा नही
आएगा बिल्कुल किसी बाजारू औरत की तरह कीजिए मेरे साथ और मैं भी आपके
सामने किसी रंडी की तरह बिहेव करती हूँ ठीके है ना…?
बाबू जी== हां मेरी प्यारी बहूरानी आज तू मेरी बहू नही बल्कि मेरी रानी
है आज तुझे ऐसा मजा दूँगा की तूने मेरे बेटे से भी नही लिया होगा बता
कितना बड़ा है अनिल का…?
सुनीता== बाबू जी उसका 4″ का है और आपका 8″का
बाबू जी ==तुझे मेरे लिंग की लंबाई कैसे पता?
सुनीता= मैने 1 दिन आपको नहाते वक़्त देखा था और आपकी टावल गिर गयी थी और
उसी दिन से मैं आपसे सहवास करना चाहती थी…
बाबू जी== बहू देखो अब हम लोग जब चोदा…चोदी पर उतर ही आए है तो अब ये
सहवास और लिंग वाली ज़बान का ईस्तमाल मत करो अब पूरी तरह से खुल कर चुदाई
भाषा यानी की देशी ज़बान का प्रयोग करो…
सुनीता== ठीक है बाबू जी
बाबू जी== फिर से बाबू जी….?
सुनीता== अच्छा अच्छा मेरे चोदु राजा अब तो ठीक..?
बाबू जी == हां मेरी छिनाल बहु अब ठीक है चल अब ज़रा अपनी चड्डी भी उतार
और चूत का नज़ारा दिखा…
सुनीता उनसे हंस के दूर चली गयी और बड़े ही कामुक अंदाज़ मे उसने अपनी
पेंटी पर हाथ फेरना शुरू कर दिया वो अपनी चूत पर हाथ फेर रही थी और फिर
पीछे की तरफ घूम कर उसने अपने चूतड़ बाबू जी की तरफ कर दिए और पेंटी
तोड़ी सी सरका कर नीचे कर दी।
उसकी सफेद गुलाबी उभारदार गांड देख कर बाबू जी की तबीयत हरी हो गयी वो
तुरंत उसके पास गये और उसकी गांड पर हाथ सहलाने लगे सुनीता झुकी हुई खड़ी
थी और बाबू जी उसके चूतड़ पर हाथ फिरा रहे थे अचानक ही बाबूजी ने
ताड़…ताड़ थपकी मारना सुरू कर दी उसकी गांड पर
सुनीता== आअहह बाबू जी ये क्या कर रहे है आप तो मार रहे है…
बाबू जी == बहन की लोड़ी , रंडी , मैं मार नही रहा बल्कि प्यार कर रहा
हूँ तेरी गद्देदार गांड इतनी सुंदर है मुझे तेरी सासू की याद आ गयी चल
तोड़ा सा और झुक जा और मुझे गांड का मजा लेने दे…
सुनीता खड़े…खड़े ही और झुक गयी और बाबू जी ने पीछे से उसकी गांड पर अपना
मूह रखा और और उसकी गांड को चूमने लगे 1 हाथ से उसकी लटकी हुई चूची को भी
दबाते जा रहे थे उसके बाद उन्होने अपने हाथ से सुनीता की गांड फैलाकर
अपनी जीभ उसकी गांड मे घुसा दी और अंदर चलाने लगे।
सुनीता== आअहह बाबू जी उूउउफफफ्फ़ ये आप क्या कर रहे है आआईइ बहुत मजा आ
रहा है मैने आज तक गांड नही चुसवाई कभी और ना तो मुझे पता था की गांड भी
चुसवाई जाती है और अंदर घुसाइए अपनी जीभ बहुत मजा आ रहा है आहह…
बाबू जी== बहू आज तुझे बहुत मज़ा आएगा तू हमेशा ही मुझसे चुदवाएगी अनिल
को भूल ही जाएगी आज तुझे ऐसे ऐसे मज़े दूँगा की तू भी याद रखेगी किसी
बुड्डे से पाला पड़ा था
हां तो दोस्तों अब जब आप लोग गर्म होना शुरू हुए तो मैं अपनी कहानी यहाँ
रोकती हूँ इसका अगला पार्ट जल्दी ही आपके सामने पेश करूँगी और हां आप लोग
सोच में मत पड़ जाना.
मुझे यह कहानी सुनीता के पति ने भेजी है जिसका की इस कहानी मे अभी तक
कहीं जिक्र नही है उसका जिक्र बहुत बाद मे आएगा वो तब जब वो वापस लौट कर
आता है और अपने बाप को उसकी बीवी की चुदाई करते देखता है. उसके बाद
क्या…क्या होता है सब बताउंगी आप सबको..