प्रेषक : नितिन शाह
हाय दोस्तो आप के लिए नितिन एक गरमा गरम स्टोरी ले कर आया हूँ. तो दोस्तो
बात हमारे एक दोस्त की है. नाम था विनोद. विनोद एक बिजनेसमेन था. अभी कुछ
ही दिन पहले विनोद की शादी हुई थी. विनोद की वाइफ (मेरी भाभी) एक मस्त
हुस्न की मालिका थी. उसके हुस्न की तारीफ़ भी
क्या करूँ-शब्द ही कम पड सकते हैं. फिर भी कोशिश करता हूँ.
रंग —मलाई मार के(मीन्स एकदम गोरा)
हाइट—-5&3/4फिट
सीना—34
कमर—–28-30
गांड——34 के आसपास का फिगर था उसका.
अब ऐसी मस्त जवानी को देख कर भला कौन होगा जिसका मन उसको चोदने को ना
करे. सो मेरा मन भी बिगड़ गया. विनोद का रंग सांवला था और उस की हाइट भी
5.1/2फिट थी. पता नही क्या सोच कर उस हुस्न परी ने उस चूतिए से शादी की
है.
हम दोस्त मज़ाक मे बात करते थे की-अगर ये बोबे चूसता होगा तो चूत नही मार
पाता होगा. और अगर चूत मारता होगा तो बोबे छूट जाते होंगे. एक दिन भाभी
मेरे घर पर आई,मैं घर पे अकेला था. भाभी ने माँ के बारे मे पूछा तो मैने
बताया की वो 2-3 दिन के लिए दिल्ली गयी है. और पापा भी साथ गये हैं.
मैने उन को बैठ कर चाय पीने को कहा. वो थोड़ा एक्साईटेट हो रही थी,लेकिन
सेक्सी भाभी पहली बार मेरे घर पे आई थी. तो मैं उन के साथ कुछ पल बिताने
का मौका हाथ से जाने नही देना चाहता था. मैने उन्हे ज़बरदस्ती चाय पिलाने
के बहाने से रोक लिया.
मैं चाय बनाकर भाभी के पास पहुच गया और भाभी से बात करने लगा. भाभी को
छेड़ते हुए मैने पूछा-और भाभी कैसा चल रहा है,विनोद ज़्यादा तंग तो नही
करता?भाभी से कोई जवाब नही मिला और मुझे लगा की मैने शायद कुछ ग़लत सवाल
कर दिया है. मैने भाभी से सॉरी कहा.
भाभी ने कहा सॉरी की कोई बात नही है ,मैं फिर कभी आऊँगी अभी चलती हूँ.
भाभी की इस बात से मुझे दाल मे कुछ काला होने जैसा लग रहा था. खैर मुझे
क्या लेना था. मैं जल्दी से अपने बेडरूम मे गया और मैने भाभी के नाम की
मूठ मार ली. अगले दिन भाभी को फिर से अपने दरवाज़े पे देख कर मैं हैरान
था.
भाभी ने पूछा- माँ औरपापा आ गये या नही?मैने कहा-आपको बताया तो था की वो
2-3दिन मे आएँगे भाभी ने पूछा चाय नही पिलाओगे आज?मेरी तो लाइफ ही बन गयी
की जिसे कल मैं ज़बरदस्ती चाय पिला रहा था. आज वो खुद मेरे पास आई है.
कुछ वक्त बिताने के लिए. मैने जल्दी से चाय बनाई और फिर हम दोनो नेएक साथ
बैठ कर चाय पीने लगे.
आज मैं चुप था,भाभी ने पूछ लिया क्या बात है,चुप क्यू हो मैने कहा कल
मैने आपका दिल दुखाया था. सो आज मैं कोई ऐसी बात नही करना चाहता जिस से
आपका दिल दुखी हो. भाभी के सब्र का बाँध टूट गया,अपनी आँखों मे आँसू भरती
हुई वो बोल पड़ी नितिन विनोद बहुत अच्छे हैं. लेकिन सिर्फ़ अच्छा होना ही
काफ़ी नही होता. कुछ और भी होना चाहिए एक औरत को खुश करने के लिए.
मैने भाभी के आँसू साफ करते हुए पूछ लिया भाभी मुझे ठीक से बताओ की
माज़रा क्या है,शायद मैं आपकी कुछ मदद कर सकूँ. भाभी ने बताया की विनोद
के साथ रात बिताना मुश्किल हो जाता है. जब तक मैं गरम होती हू,विनोद ठंडा
हो जाता है. एक बार विनोद का पानी निकल जाए तो वो सो जाता है. और मैं
प्यासी तड़पती रहती हू. इस जवानी का क्या फ़ायदा अगर कोई इस जवानी को लूट
ही ना पाए.
मौका अच्छा था. मैने भाभी से कहा-कोई बात नही भाभी,मैं हूँ ना. ये कहते
हुए मैने अपना एक हाथ भाभी के बोबो पे रख दिया. भाभी ने कुछ नही कहा तो
मैने भाभी से कहा भाभी जाने दो साले विनोद को उस चूतिए को इतनी सेक्सी
बीवी मिली है. अगर इस हुस्न को देख कर भी साले का लंड खड़ा नही होता तो
साले के लंड को काट देना चाहिए.
मैने इतना कहते हुए अपना हाथ भाभी के ब्लाउज मे डाल दिया,भाभी सिहर उठी.
मैने कहा-भाभी अब आपको प्यासा रहने की ज़रूरत नही. जब तक मैं हूँ आपको
नहला दूँगा. इतना कहते हुए मेरा दूसरा हाथ भाभी की साडी के अंदर जा चुका
था.
मैं भाभी की चूत को ऊपर से सहलाने लगा और फिर मैने भाभी की पेंटी को साइड
मे करते हुए अपनी एक उंगली उस की चूत मे डाल दी. उू……..ुुुुुुुुउ……..ऊः
की सी आवाज़ मे वो मेरा साथ दे रही थी. अब मैने भाभी की साडी को अलग सरका
दिया और उस के बोबो को आज़ाद कर दिया.
उस के बोबे देखते ही मेरे मूहँ मे पानी आ गया. मैने जल्दी से उसके बोबो
को चूसना शुरू कर दिया. वाह क्या रस था उन बोबो का. मैं चूस रहा था और वो
कह रही थी धीरे धीरे मुहं में लो. लेकिन मुझे आराम नही था. अब उसके
पेटिकोट और पेंटी को भी उस से अलग कर दिया.
अब वो मेरे सामने एकदम नंगी पड़ी थी. उस की चूत पे एक भी बाल नही था.
टांगे एक दम चिकनी थी. मैं हैरान था की ऐसी जवानी को देख कर तो लंड बैठना
ही नही चाहिए लेकिन साले विनोद का लंड खड़ा ही नही होता. . मैने अब अपने
कपड़े भी उतार दिए. मेरे लंड को देखते ही वो बोली-ये तो बहुत मज़बूत लग
रहा है.
लाओ इसे चख कर तो देखूं और फिर उसने मेरा लंड अपने मूहँ मे डाल लिया और
चूसने लगी. मैं भी 69 पोज़िशन मे उसकी चूत को चाटने लगा. 10-15 मिनिट बाद
वो बोली जान अब नही रहा जा रहा है. इस लंड को मेरी चूत मे डाल दो और चोद
दो मुझे. मैने उसकी टॅंगो को ऊपर उठा दिया. और अपना लंड एक ही झटके मे
उसकी चूत मे पूरा डाल दिया.
उसकी चीख निकल गयी लेकिन वो जानती थी की इस दर्द के बाद ही तो मज़ा है.
सो वो मेरा साथ देने लगी. चोदो चोदो मज़ा आ रहा है. तुम्हारा लंड आज से
मेरी चूत का मालिक है,इस चूत को आज इतना चोदो की अगले कुछ दिन तक ये
दोबारा लंड नही माँगे। चोदो चोदो मुझे चोदो. उसके बोलने के साथ ही मेरी
चोदने की स्पीड बढ़ रही थी. अहह………फक मे उूुउऊः….. फक मी पुसी फक मी फक
मी…. पुसी की आवाज़ से मुझे और भी जोश आ रहा था.
आधे घंटे तक मैं उसे चोदता रहा और फिर हम एक दूसरे से लिपट कर लेटे रहे.
15 मिनिट मे उस की जवानी की गर्मी ने मेरे लंड को एक बाए फिर से खड़ा कर
दिया. मैने एक बार फिर से अपना लंड उस की चूत मे डाल दिया. चोदो चोदो और
ज़ोर लगाके चोदो मेरी इस चूत को. मैने भी आज उसे इतना चोदा की वो बोल
पड़ी अब मुझे कोई फर्क नही पड़ता की विनोद मुझे चोदे या रात को सो जाए.
मुझे मेरी चूत के लिए एक दमदार लंड मिल गया है.
इसके बाद उसने साडी पहनी और अपने घर चली गयी. इस दिन के बाद जब भी हमारा
मन होता है. तो हम ये चुदाई का खेल खेलते है,लेकिन दोस्तो आज तक मैं उस
की गांड नही मार सका. लेकिन एक दिन मैं उस की गांड भी ज़रूर मारूँगा. मैं
उस दिन का इंतज़ार कर रहा हूँ. तो दोस्तो चोदो चुदवाओ और अपनी लाइफ को
खुश हाल बनाओ…..में आपके प्यारे प्यारे कमेन्ट का इन्तजार करूँगा
धन्यवाद …
