हेलो सभी कहानी पढ़ने वाले दोस्तों को. मेरा नाम राहुल खन्ना है. मेरी
उम्र 25 वर्ष हैं. में एक हँसी मजाक करने वाला और अच्छा दिखने वाला लड़का
(स्मार्ट बॉय) हूँ. मेरा कद 5'6" इंच हैं. मेरा कलर एकदम साफ है. और मै
बुद्धिमता से परिपूर्ण हूँ. इस स्वभाव को देख कोई भी लडकी मुझसे दोस्ती
करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी.
मै अब अपनी कहानी "उसकी बीवी और मेरी रखेल" मे बताता हूं. वादे के
मुताबिक अब मै आप लोगों को ये बताना चाहता हूँ. के कैसे मैने रश्मि को कस
कस के चोदा. वह मेरे दोस्त की बीवी और मेरी रखेल थी. उसका शरीर
हष्ट-पुष्ट और मजा देने वाला था. मुझे अच्छा लगता था.
साली रश्मि को चोद-चोद के रंडी बना दिया मैने. साली तो बड़ी सेक्सी है.
उसको जितना चोदू उतना ही कम है. मैने तो कामसुत्र के सारे तरीको से रश्मि
को चोदा. और मेरा मोटा लंड ले ले के अब घायल बन गयी है. वो तो अब अपने
पति से ज़्यादा मुझ पर ज्यादा आकर्षित हो रही है.
उसके पूरे छेद अब मेरे लंड के दीवाने हो गये है और उसकी चूत और गांड का
छेद भी बड़ा हो गया है. रश्मि तो मुझसे भी तेज हो गई है. वो ही मुझे बुला
के चुदवाती है. खुद ही कपड़े निकाल कर जल्दी से नंगी होती है ताकि मैं
उसे जल्दी से चोदू. में उससे जो भी करू वो ना नही बोलती. मुझे तो असली
मज़ा बिना कन्डोम के आता है.
इसीलिये साली के चूत मे तो बिना कन्डोम के मारता हूँ. वो भी ऐसे ही
चुदवाना चाहती है. कभी मन करता है की साली रश्मि को अपने बच्चे की माँ
बना दूँ. उस दिन खास तोर पर रश्मि ने मुझे रात 8.30 बजे अपने घर पर
बुलाया खुद को चुदवाने के लिये. में जब उस के घर पर गया तो वो तैयार हो
चुकी थी एक-दम नयी दुल्हन की तरह. उसकी सफ़ेद साड़ी से तो उसके बोब्स
काफ़ी बाहर दिख रहे थे.
वो मुझे सोफे पर बैठने के लिए बोली और बेड रूम मे चली गयी. थोड़ी ही देर
मे वो हॉल मे आ गई उसे देख के मै अपने कपड़े उतारने के लिए एक दम तेयार
हो रहा था. तो रश्मि ने मेरे हाथों को पकड़ के रंडी की तरह बोली के
"डार्लिंग यह मेरा काम है. पहले तो मे तेरे कपड़े उतारूँगी फिर तुम मेरा
कपड़े उतारना. जब तुम मेरे कपड़े उतारोगे तो मैं तुम्हारा लंड चूसूंगी.
ठीक है ना." ऐसा कहते हुए उसने मेरे कपड़े पूरे उतार दिये. तब तक मेरा
लंड खड़ा हो चुका था. अब मे उसकी साडी ब्लाऊज और पेटीकोट को खोल रहा था.
और बीच- बीच मे उसको किस कर रहा था. उसके बोब्स भी तने हुए थे. मैने जब
उसके ब्लाऊज को खोला तो देखा की वो ब्रा नही पहनी थी.
ऐसा मैं उसे नंगा कर रहा था जब में ये देख रहा था. वो मेरे लंड को अपने
प्यारे हाथों से सहला रही थी. मेंने तो ये तय किया के रश्मि को रात भर
रंडी बना कर चोदू और उसके साथ ही सो जाऊ. थोड़ी ही देर मे मैने उन्हे बेड
पर खीच के लेटा दिया और मैं उसके ऊपर चड गया. उसके टांगो को खुला कर दिया
और मेरा मोटा लंड उसके नरम चूत के उपर रख के रगडने लगा.
और फिर मैने एक ज़ोर का झटका
मारा ताकि मेरा लंड उसकी चूत मे पूरी तरह से घुस जाए. वो तो चिल्ला उठी
और अपने बच्चे (जो की उसी डबल बेड पर सो रहा था) को दिखाते हुए कहा की
"नही मेरे राजा, नही मुन्ना जाग जाएगा. चलो हाल मे जाते है और तुम मुझे
वाहा सोफे पे चोदना". मेंने झट से उसके लिप्स को फ्रेंच किस किया और बोला
"नही की बच्ची रोज तो आँचल सरका- सरका के बोब्स दिखाती है और साडी उठा के
अपने चूत और गांड को दिखाती है. साली अब तो इस बिस्तर पर तुझे चोद के ही
रहूँगा."
ऐसा कहते हुए मेरा लंड फिर से मैने उसकी नरम चूत मे बड़े ज़ोर से घुसा
दिया. रश्मि तो आवाज करने लगी. उईईईईईई माआआआअ ओह अहह….. वो फिर से बोलने
लगी के "प्लीज़ , रुक जाओ ना, प्लीज….. यह रानी तो अब तुम्हारी है जितना
देर चाहे उतनी देर तक तुम मेरी गांड मार सकते हो. अगर मुन्ना जाग गया
तो?.
तो मैं बोला "साली जाग जाने दो, उसे क्या पता के हम, क्या कर रहे है. फिर
भी तू बोल देना के बेटा सो जाओ आज तुम्हारे चाचा तुम्हारी मा को चोद रहे
है." ऐसा कहते हुए मेने रफ़्तार और बढ़ा दिया. थोढी ही देर मे वो भी
एंजाय करने लगी. बीच बीच मे उसके मूहँ से अलग सी लेग्वेज की आवाज़
निकालने लगी जैसे "आहह उईईई माआरूऊऊओ……… मुझे अपनी बीवी तो बना ही चुके
हो अब तो मैं तेरे लंड को लेने के लिए तड़प रही हू.
मुझ से रहा नही जाता और ज़ोर से चोदो`" ऐसा कह रही थी. मैं भी उसको चोदते
हुए बोला के "साली रंडी अब तक तो तुझे पता चल चुका होगा के असली मर्द से
चुदवाने मैं कितना मज़ा आता है". इसी दौरान मैं बीच- बीच मैं उसके गांड
पे भी मार रहा था. मेने रफ़्तार और बढ़ा दिया. मै तो मानो जानवर की तरह
इस रंडी को चोदे जा रहा था.
मेरे हर धक्के पर वो "उूउउफफफ्फ़….. आआहह…. ऊऊहह….. उईईईईईईईई…… अहह…..
प्लीईआसस्सीई…… मुझ से सहा नही जाता. पोज़िशन बदलकर चोदो ना प्लीज़" की
आवाज़े निकालने लगी और रोने लगी. तो मैं उसके बगल मे सो गया और उसे अपने
उपर उठा के कस- कस कर चोदे जा रहा था. थोढी ही देर मे वो अपने पानी को
मेरे लंड पे छोड़ने लगी.
मैंने भी उसका जवाब अपने लंड का पानी छोड़ कर दिया. उसे अब मेरे उपर से
निकाल के बेड पर लिटा दिया. कुछ देर वैसा पड़े रहने के बाद उसे उल्टा
करके उसके पैरो को हल्का सा फैलाया ताकि उसके गांड मारू.तो रश्मि ने बोला
की "पेशाब आने लगा है". मै भी उसके साथ बाथरूम चला गया. जब हम बाथरूम से
आ रहे थे तो रश्मि एक रंडी की तरह मेरे लंड को अपने हाथों से सहला रही
थी, दूसरे राउंड के लिए.
जब हम होल पर आए तो उसे कुत्ते की तरह खड़े रहने के लिए बोला. तो वो बोली
के "चलो अब तो मुझे होल मे ले जाकर चोदो ना प्लीज़.ऐसा कहते हुए वो हाल
मे गयी और सोफे पर कुत्ते की स्टाइल मे खडी हो गयी और बोली के "रूको
क्रीम तो लगा लो" तो मैने कहा "रंडी अब तो तुझे क्रीम की नही मेरे लंड की
ज़रूरत है"
ऐसा कहते हुए रश्मि के बालों को पकड़ के मेरा लंड उसका मुहँ मे घुसाने का
काम शुरू किया. करीब 10-150 मिनिट तक मैं ऐसे ही घुसा रहा था उसके मुहँ
मे. फिर मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी. गांड का ख़याल आते ही लंड फिर से
हरकत करने लगा. मैने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद पर रख कर घुसने की
कोशिश की. उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था.
अब मै उसके पीछे को गया ताकि उसके गांड मारु. मैने ढेर सारा थूक उसकी
गांड के छेद पर और अपनी उंगली पर लगाया और दुबारा उसकी गांड मे उंगली
घुसाने की कोशिश करने लगा. गीलेपन के कारण मेरी उंगली थोड़ी गांड मे घुस
गयी. उंगली घुसते ही वो कसमसाहट करने लगी. वो तड़प कर आगे खिसकी जिस वजह
से उंगली गांड के छेद से बाहर निकल गयी.
तो रश्मि ने मुड कर बोला "क्या कर रहे हो". मैने कहा "तुम्हारी गांड
सचमुच खूबसूरत है". वो बोली "उंगली क्यो घुसते हो लंड क्या सो गया है?".
उसकी यह बातें सुनकर मैं खुश हुआ और उसे पेट के बल लिटा दिया. और दोनो
हाथो से उसके चूतड को फैला दिया.
जिस से उसकी गांड का छेद और खुल गया. वो धीरे से बोली "कि, नारियल तेल,
घी या कोई चिकनी चीज़ मेरी गांड और अपने लंड पर लगा लो तो आसानी रहेगी".
मैने कहा "मेरी रानी इस से भी अच्छी चीज़ है मेरे पास और वो है वेसलिन",
और मैं उठ कर ड्रेसिंग टेबल से वेसलिन ले ढेर सारी वेसलिने अपने लंड और
उसकी गांड पर लगायी और उसकी गांड मारने को तेयार हो गया.
लंड गांड मे घुसते ही वो बोली "रुको तोड़ा आहिस्ते- आहिस्ते डालो, दर्द
हो रहा है, 2 साल हो गये गांड मरवाये. मेरे पति ने मेरे कभी ऐसे गांड
नहीं मारी. लेकिन आज तूने मेरी सारी प्यास बुझा दी. वरना मैं इस चूत की
भूख को कब तक बर्दास्त करती.
अब मै धीरे- धीरे से उसकी गांड मे लंड घुसा रहा था. ऐसा मे 25-30 मिनट
चोदने के बाद मैने मेरा लंड निकाल के फिर से उसकी चूत मे घुसा दिया ऐसा 5
मिनट मारके फिर से मैने उसकी गांड मे घुसा दिया. केवल 5 मिनट मे ही मैंने
अपनी मलाई उसकी गांड मे डाल दी और वो भी मेरा साथ देने लगी और उसने भी
अपनी मलाई छोड़ दी.
मैं तो उसके उपर कुछ देर तक वैसे ही पडा रहा, इसके बाद मैने अपने लंड को
रश्मि की गांड से निकाल के उसके उपर से हटा लिया और उसके मूहँ के पास
गया. तो रश्मि ने झट से मेरे लंड का चुंबन किया और मूहँ मे लेकर चूसने
लगी. तब मैं उसके पीछे की और झुक के उसके चूत को देखते हुए बोला "क्या
मस्त चूत पाई है तुमने साला तुम्हारा पति तो बेकार आदमी है. कोई इतनी
हसीन चीज़ को ऐसे छोड़ेगा क्या. साली तू तो मुझे मस्त मिली. फिल्म के
जैसा तू भी डबल रोल कर रही है एक तो उसकी बीवी के जैसा तो दूसरी ओर मेरी
रखेल के जैसा.अब मेरा लंड फिर से रेडी हो गया और उस से बोला की "चलो और
एक राउंड हो जाए" तो उसने बोला के "ना बाबा ना मुझे तो कल जल्दी उठना है
क्यों की मेरा पति सुबह के फ्लाइट से तो आ रहा है". जब हम उठे तो रश्मि
के चूत को देख के ऐसा लगा था. के उसको अभी ही बच्चा होने वाला हो. पाँच
मिनट मे ही हम अपने कपड़े पहन लिए. उसको तो चला नही जा रहा था.
कुछ देर तक वेसे ही सोफे पर बैठने के बाद बेड रूम मैं आ गई. मैने देखा के
रश्मि अपनी साडी मे इतनी मस्त थी. उनको देख के ऐसा लगता ही नही था. के
मैने इतनी देर तक उसे चोदा हो. हम लोग रात को करीब 12.30 बजे को एक दूसरे
से चिपक के सो गये.
जब हम होल पर आए तो उसे कुत्ते की तरह खड़े रहने के लिए बोला. तो वो बोली
के "चलो अब तो मुझे होल मे ले जाकर चोदो ना प्लीज़.ऐसा कहते हुए वो हाल
मे गयी और सोफे पर कुत्ते की स्टाइल मे खडी हो गयी और बोली के "रूको
क्रीम तो लगा लो" तो मैने कहा "रंडी अब तो तुझे क्रीम की नही मेरे लंड की
ज़रूरत है"
ऐसा कहते हुए रश्मि के बालों को पकड़ के मेरा लंड उसका मुहँ मे घुसाने का
काम शुरू किया. करीब 10-150 मिनिट तक मैं ऐसे ही घुसा रहा था उसके मुहँ
मे. फिर मेरी नज़र उसकी गांड पर पड़ी. गांड का ख़याल आते ही लंड फिर से
हरकत करने लगा. मैने अपनी एक उंगली उसकी गांड के छेद पर रख कर घुसने की
कोशिश की. उसकी गांड का छेद बहुत टाइट था.
अब मै उसके पीछे को गया ताकि उसके गांड मारु. मैने ढेर सारा थूक उसकी
गांड के छेद पर और अपनी उंगली पर लगाया और दुबारा उसकी गांड मे उंगली
घुसाने की कोशिश करने लगा. गीलेपन के कारण मेरी उंगली थोड़ी गांड मे घुस
गयी. उंगली घुसते ही वो कसमसाहट करने लगी. वो तड़प कर आगे खिसकी जिस वजह
से उंगली गांड के छेद से बाहर निकल गयी.
तो रश्मि ने मुड कर बोला "क्या कर रहे हो". मैने कहा "तुम्हारी गांड
सचमुच खूबसूरत है". वो बोली "उंगली क्यो घुसते हो लंड क्या सो गया है?".
उसकी यह बातें सुनकर मैं खुश हुआ और उसे पेट के बल लिटा दिया. और दोनो
हाथो से उसके चूतड को फैला दिया.
जिस से उसकी गांड का छेद और खुल गया. वो धीरे से बोली "कि, नारियल तेल,
घी या कोई चिकनी चीज़ मेरी गांड और अपने लंड पर लगा लो तो आसानी रहेगी".
मैने कहा "मेरी रानी इस से भी अच्छी चीज़ है मेरे पास और वो है वेसलिन",
और मैं उठ कर ड्रेसिंग टेबल से वेसलिन ले ढेर सारी वेसलिने अपने लंड और
उसकी गांड पर लगायी और उसकी गांड मारने को तेयार हो गया.
लंड गांड मे घुसते ही वो बोली "रुको तोड़ा आहिस्ते- आहिस्ते डालो, दर्द
हो रहा है, 2 साल हो गये गांड मरवाये. मेरे पति ने मेरे कभी ऐसे गांड
नहीं मारी. लेकिन आज तूने मेरी सारी प्यास बुझा दी. वरना मैं इस चूत की
भूख को कब तक बर्दास्त करती.
अब मै धीरे- धीरे से उसकी गांड मे लंड घुसा रहा था. ऐसा मे 25-30 मिनट
चोदने के बाद मैने मेरा लंड निकाल के फिर से उसकी चूत मे घुसा दिया ऐसा 5
मिनट मारके फिर से मैने उसकी गांड मे घुसा दिया. केवल 5 मिनट मे ही मैंने
अपनी मलाई उसकी गांड मे डाल दी और वो भी मेरा साथ देने लगी और उसने भी
अपनी मलाई छोड़ दी.
मैं तो उसके उपर कुछ देर तक वैसे ही पडा रहा, इसके बाद मैने अपने लंड को
रश्मि की गांड से निकाल के उसके उपर से हटा लिया और उसके मूहँ के पास
गया. तो रश्मि ने झट से मेरे लंड का चुंबन किया और मूहँ मे लेकर चूसने
लगी. तब मैं उसके पीछे की और झुक के उसके चूत को देखते हुए बोला "क्या
मस्त चूत पाई है तुमने साला तुम्हारा पति तो बेकार आदमी है. कोई इतनी
हसीन चीज़ को ऐसे छोड़ेगा क्या. साली तू तो मुझे मस्त मिली. फिल्म के
जैसा तू भी डबल रोल कर रही है एक तो उसकी बीवी के जैसा तो दूसरी ओर मेरी
रखेल के जैसा.अब मेरा लंड फिर से रेडी हो गया और उस से बोला की "चलो और
एक राउंड हो जाए" तो उसने बोला के "ना बाबा ना मुझे तो कल जल्दी उठना है
क्यों की मेरा पति सुबह के फ्लाइट से तो आ रहा है". जब हम उठे तो रश्मि
के चूत को देख के ऐसा लगा था. के उसको अभी ही बच्चा होने वाला हो. पाँच
मिनट मे ही हम अपने कपड़े पहन लिए. उसको तो चला नही जा रहा था.
कुछ देर तक वेसे ही सोफे पर बैठने के बाद बेड रूम मैं आ गई. मैने देखा के
रश्मि अपनी साडी मे इतनी मस्त थी. उनको देख के ऐसा लगता ही नही था. के
मैने इतनी देर तक उसे चोदा हो. हम लोग रात को करीब 12.30 बजे को एक दूसरे
से चिपक के सो गये.
अचानक ३.०० बजे मेरी नींद खुली और मेरे मन में फिर गांड मारने की इच्छा
हुयी. में उसके बोब्स दबाने लग गया. और उसकी चूत में उंगली डालने लग गया.
इतने में उसकी भी नींद खुल गयी. और मुझसे कहने लगी अब क्या कर रहे हो
जानू फिर मैने कहाँ मुझे एक राउंड ओर खेलना हैं. तों उसने कहाँ अब बस भी
करो यार.
फिर मैने अपना लंड उसे पकडा कर जोर- जोर से हिलाने को कहा. और थोड़ी ही
देर में हम दोनों फुल जोश में आ गये. मैने उसका पेटीकोट उतार कर उसकी
चड्डी उतार दी. मैने अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया. और जोर-जोर से
धक्के मारने लगा और मारते-मारते वह भी एक दम से तन के फुल जोश में आ गयी.
और मुझे कस कर पकड़ने लगी और कहने लगी जानू जल्दी-जल्दी करो ना प्लीज.
में और जोर से करने लगा. हमारा झड़ने का का समय नजदीक आ गया. और कुछ ही
देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया. और वह भी मोन हो गयी. फिर दो मिनट बाद
मै भी झड़ गया.
और कुछ देर उसके ऊपर ही सोता रहा. फिर उठ कर मैने अपना लंड साफ किया और
उसने अपनी चूत और फिर हम दोनों सो गये. सुबह जब हम लोग फ्रेश हो कर
एयरपोर्ट जा रहे थे. तो रश्मि से में बोला के "रात को ध्यान नही रहा तुम
दवांई लेकर खा लेना समझ गयी ना". तो वो बोली "ठीक है में समझ गयी".
फिर से वो बोली की "तुम चिंता मत करो उसे आने दो कोई परवा नही, हम हमारी
चुदाई जारी रखेंगे में कुछ ना कुछ करती हू. अब तो में तुम्हारी और
तुम्हारे लंड की दीवानी हो चुकी हू, मुझसे अब रहा नही जाता".
अच्छा अब में चलता हूँ बाय रश्मि ……. अब हम अपनी-अपनी जगह पर चले जाते
है. तो यह था दोस्तो मेरा अनुभव. यह कैसा लगा आप लोगों को.. . मुझे
कमेन्ट जरुर देना …… अगर मुझसे शब्दों में कोई गलती हुईं हो तों मै माफ़ी
चाहता हूँ…