एक घर की ब्लू फिल्म Blue film sex incest kahani

प्रेषक : निखिल

मैं आज से एक हफ़्ता पहले हॉस्टल से घर वापिस गया तो मेरी ज़िंदगी ही बदल

गयी। मैं अपनी पढ़ाई खत्म कर चुका था और अपनी बहन और माँ के पास जा रहा

था। मैने फोटोग्राफी का कोर्स पूरा कर लिया था। मैं अपनी माँ गिरजा का 19

साल का बेटा हूँ और मेरी माँ 41 साल की है। मेरी बहन नीरजा 21 साल की है

और उसने अभी शादी नहीं की है। मेरे पिताजी की मौत हो चुकी है और उनके

बीमे के पैसे से हमारा गुज़ारा हो रहा है।

पढ़ाई के दौरान मेरा संपर्क एक आदमी से हुआ था जो की ब्लू फिल्म का

बिज़नस करता है और मुझ से अच्छे भाव में अच्छी ब्लू फिल्म्स खरीदने के

लिए तैयार था। उसने मुझे बोला था की ग्रूप सेक्स की फिल्म बहुत बिकती

हैं। लेकिन मेरी प्राब्लम ये थी की ब्लू फिल्म्स के लिए सेक्सी ऐक्ट्रेस

कहाँ से लू।" साले निखिल, मौसी या अपनी बहन नीरजा की क़िसी सहेली को

राज़ी कर लेना और अगर लड़का ना मिले तो मुझे रोल दे देना। तू ही कहता था

की तेरी बहन बहुत सेक्सी है। उसस्की सहेली भी कम नहीं होगी।

तेरी फिल्म बन जाएगी और मुझे तेरी बहन की सेक्सी सहेली चौदने को मिल

जाएगी। क्यो क्या ख्याल है?" मेरा मौसेरा भाई आलोक मुझ से बोला था और

मैं हंस कर रह गया था, लेकिन मैने उसके आइडिया को याद रखा था। अब मैं आप

लोगों को अपनी बहन और माँ के बारे बता देता हूँ। मेरी माँ गिरजा 5 फीट 5

इंच की है और उसका वज़न 52 किलो है। रंग गोरा, कूल्हे भारी, पेट स्लिम,

चूची उभरी हुई।

माँ के बाल काले और लंबे हैं और वो जुड़ा करती है। गिरजा अधिकतर चूड़ीदार

पजामा और कमीज़ पहनती है। उसकी कमीज़ काफ़ी टाइट होती है जिस कारण उसके

चूत का उभार नज़र पड पड़ता है। मैं कई बार सोचता हूँ की पिताजी के बाद

गिरजा को लंड की कमी सताती होगी और वो ना जाने कैसे अपनी चूत को ठंडा

करती होगी। लेकिन मैने इससके बारे में अधिक ध्यान नहीं दिया क्योंकि

गिरजा मेरी माँ थी। लेकिन अब जब मैं ब्लू फिल्म का बिज़नस करने वाला हूँ

तो मुझे अपनी माँ भी एक ब्लू फिल्म की ऐक्ट्रेस ही नज़र आने लगी है।

नीरजा 5 फीट 6 इंच की सेक्सी लड़की है और छोटी स्कर्ट्स और टाइट टॉप्स

पहनती है और या फिर बहुत टाइट जीन्स पहनती है। मेरी बहन की गांड गिरजा से

थोड़ी कम भारी है और चूची कुछ छोटी, लेकिन बहुत मस्त है। नीरजा की चूची

कोई 34सी साइज़ की होगी। हॉस्टल में कई बार मुझे अपनी बहन की याद आ जाती

तो मेरा लंड खड़ा हो जाता और मैं मूठ मार लिया करता था। मैं अपने मन में

ब्लू फिल्म के बिज़नस का प्लान बना कर सपने देखता हुआ घर जा रहा था।

मेरे बैग में मेकअप का समान, अलग अलग किस्म की बिग, कुछ प्लास्टिक के लंड

भरे हुए थे। मैं लडकियों को अलग शक्ल में अपनी ब्लू फिल्म में शामिल कर

सकता था। जब मैं घर पहुँचा तो दरवाज़ा गिरजा ने खोला। वो मुझे गले से

लगती हुई मुझ से लिपट गयी और प्यार से मुझे चूमने लगी," निखिल बेटा तुझे

देखने को तो मेरी आँखें तरस गयी। अब अपनी माँ को छोड़ कर कहीं मत जाना,

मेरे लाल!

गिरजा उसी वक्त पजामे के ऊपर एक टाइट टी शर्ट पहने हुई थी और उसने नीचे

ब्रा नहीं पहनी हुई था। मेरी प्यारी माँ की चूची मेरे सीने में धँस रही

थी जिस कारण मेरा लंड पेन्ट में तंबू बनाने लगा था। मैं जान बुझ कर अपने

हाथ गिरजा की चूत पर फिराने लगा। माँ को शायद मेरे लंड का ऊभार अपने पेट

पर महसूस हुआ। इसीलिए वो मुझ से अलग होती हुई बोली," बेटा, तू तो पूरा

मर्द बन गया है। कितना बड़ा हो गया है…तू!" मैं भी तुरन्त अपनी माँ से

अलग हो गया।



तू अपना सामान अपने रूम में रख कर आजा मेरे रूम में। तेरी ममता मौसी भी

आई हुई है। हम वहीं पर चाय पीयेगे। " ममता मौसी माँ से 2 साल छोटी थी।

आलोक ममता का ही बेटा था। मैने सामान रखा और गिरजा के रूम में चला गया।

ममता का पति हरीराम एक शराबी आदमी है लेकिन ममता मौसी एक पटाखा औरत है।

गोरी चिटी, काले घने बाल, मस्त भारी भारी चूची, नशीली आँखें, बहुत

मटकदार चूत। मैने सुना था की सेक्स की भूखी औरत है ममता आंटी।

ममता आंटी मुझे प्यार से गले लगा कर मिली। "आंटी आप तो पहले से भी अधिक

सेक्सी लग रही हो। क्या बात है? लगता है अंकल बहुत ख्याल रखते हैं आपका"

मैने जान बुझ कर आंटी की चूची पर हाथ फेरते हुए कहा।" तेरे अंकल अगर कुछ

करने लायक होते तो बात ही क्या थी, बेटा। वो तो बस शराब पी कर काम खराब

करने वाले हैं। अब तो मेरे घर का गुज़ारा ही बहुत मुश्किल से होता है।

पैसे की बहुत तंगी है। अगर कोई काम मिले तो मुझे दिला दो। सच बेटा कुछ भी

करने को तैयार हूँ" मैने एक बार फिर आंटी की मस्त चूची को स्पर्श करते

हुए कहा "आंटी, मेरी फिल्म में काम करोगी? लेकिन मेरी फिल्म कुछ अलग टाइप

की होगी। अगर आप जैसी कोई और भी सेक्सी औरत हो तो और भी अच्छा होगा। पैसे

बहुत मिलेंगे। सच कहूँ तो मेरी फिल्म असल में ब्लू फिल्म होगी। अगर

मंज़ूर है तो बता देना" आंटी मुस्कुरा कर बोली,' निखिल बेटा, मेरी बदनामी

होगी अगर क़िस्सी को पता चला की मैं ऐसी फिल्म में काम करती हूँ। और इस

के अलावा, कौन सा मर्द काम करेगा इस फिल्म में, अगर मैं राज़ी हो भी गयी

तो?"

मैने अब आंटी की चूची को कस कर मसल दिया और बोला" आंटी तुम चिंता मत करो।

कोई आपको पहचान ना सकेगा। मैं आपकी शकल बदल दूँगा और वैसे भी ये फिल्म

इंडिया में नहीं बिकेगी। हाँ इस फिल्म में और शायद एक और लड़का काम

करेगा। मुझे और भी लड़कियाँ चाहिए इस काम के लिए" आंटी खुश हो गयी। तभी

माँ कमरे में दाखिल हुई। "क्या चल रहा है तुम दोनों के बीच, बेटा?

तुम ने तो ममता को खुश कर दिया इतनी जल्दी। बहुत उदास थी बेचारी। एक तो

पैसे की कमी और दूसरा पति शराबी। बिना पति के ज़िंदगी कैसी होती है तुम

क्या जानो, निखिल बेटा! आलोक को भी तो जॉब नहीं मिल रही हे।"आंटी ने

गिरजा को आँख मारते हुए कहा" गिरजा, मेरी जान, तेरा बेटा तो मेरे लिए

वरदान बन कर आया है। इसने मुझे अपनी फिल्म में रोल दे दिया है और जिस तरह

की फिल्म है उसमें मज़े के मज़े और पैसे के पैसे।

गिरजा तेरा बेटा तो ब्लू फिल्म बना रहा है जिसमें वो खुद भी काम करेगा।

मज़े की बात तो ये है की इसकी बिक्री इंडिया में नहीं होने वाली। मैं तो

कहती हूँ की गिरजा भी इस फिल्म में काम करे। निखिल बेटा घर का पैसा घर

में रहेगा और तेरी माँ की चूत भी शांत हो जायेगी। कब तक हम एक दूसरे की

चूत को उंगली से शांत करती रहेंगी? मैं और गिरजा दोनो लंड की प्यासी

औरतें हैं, बेटा। तुम अगर चाहो तो आज ही फिल्म शुरू कर देना, क्यो

गिरजा?"

ममता मौसी की बात सुन कर मेरा लंड खड़ा हो गया। माँ के सामने ऐसी बाते कर

रही थी की गिरजा शर्म से पानी पानी हो रही थी। ममता ने उठ कर मेरी पेन्ट

की चैन खोल डाली और मेरा लंड बाहर निकाल लिया। "गिरजा देख तेरा बेटा

कितना जवान हो गया है, बाप रे बाप इसका हथियार कम से कम 9 इंच का है।

ज़रा स्पर्श कर के तो देख, गिरजा!" मा गुस्से में बोली," ममता…. कुछ शर्म

करो!

निखिल मेरा बेटा है बेशर्म!" लेकिन मैने देखा की माँ की नज़र मेरे लंड पर

टिकी हुई थी। माँ का दुपट्टा सरक गया और उसकी सुडोल चूची नज़र आने लगी।

मैने माँ की आँखों में देखा तो मुझे वासना की झलक साफ दिखाई पड़ी। तो

मतलब साफ था। आज ही माँ और मौसी को ले कर पहली ब्लू फिल्म बना डालूँगा!

मैने ममता को किस कर लिया और वो मुझ से लिपटने लगी। वासना में जलती हुई

मेरी माँ अब हमारे पास आ बैठी और ममता से बोली,"

लेकिन ये ठीक नहीं है, ममता। निखिल बेटा क्या ये सच है की हमको कोई पहचान

नहीं सकेगा?" मैने माँ को अपनी गोद में खींच लिया और उसकी चूची को खीच कर

बोला," सच बोलता हूँ, क़िसी को पता नहीं चलेगा। तुम मेरा यकीन करो। मेरे

पास मेकअप का सामान है जिससे मैं तुम लोगों की शकल बदल दूँगा और आपको तो

नीरजा भी पहचान नहीं पाऐगी" गिरजा मेरी बात सुनकर मस्त हो गयी और ममता

मेरे लंड को सहलाने लगी। लेकिन मैं बिना कुछ किऐ झडना नहीं चाहता था।

"माँ, तुम दोनो मेरे कमरे में आवो और मैं आपका मेकअप कर देता हूँ और आलोक

को फोन भी कर लेता हूँ। वो भी मेरे साथ ब्लू फिल्म में काम करेगा" मैने

कहा पहले तो ममता ने ना की लेकिन फिर दोनो औरतें तैयार हो गयी। अपने कमरे

में जा कर मैने कहा," मौसी अब जल्दी से कपड़े उतार दो और मुझे अपने नंगे

हुस्न का दीदार करवा दो।" दोनो धीरे धीरे नंगी होने लगी। मेरी माँ का

जिस्म नंगा होकर मेरी नज़रों के सामने आ गया।

जब माँ ने अपनी पेन्टी उतारी तो उसकी फूली हुई चूत पर छोटे छोटे बाल थे।

चूत के होंठ उभरे हुए थे। ब्रा हटने पर माँ की मस्त चूची उछल कर बाहर आई

तो मेरा लंड भी उछल पड़ा। गिरजा, मैं अभी कैमरा सेट करता हूँ। तब तक तुम

दोनो आराम से नंगी हो जावो। मेरे बैग में कुछ कपड़े हैं, आप को जो पसंद

हो पहन लेना। याद रहे फिल्म शूट करने से पहले मैं आपको बिग पहनाऊगा और

कुछ मेकअप करूँगा।

मैं अभी आया" कहते हुए मैं अपने रूम में गया और ड्रेस वाला बैग माँ और

आंटी को दे दिया। दोनो नंगी औरतें बहुत सेक्सी लग रही थी। मेरा दिल कर

रहा था की अभी चोद डालूं दोनो को, लेकिन फिल्म बनाना बहुत ज़रूरी था। फिर

मैने आलोक को फोन किया और बोला" आलोक, मेरे यार दो मस्त रंडिया मिल गयी

है और फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाला हूँ। तुम एक घंटे में यहाँ पहुँच

जाना और आज ही अपनी फिल्म का उद्घाटन करना है। हमको आलोक बोला" वा मेरे

यार, मैं आ रहा हूँ" मैने बैग से एक बोतल विस्की की निकाली और फ्रिज से

आइस ओर सोडा लेकर माँ के रूम में गया। मैने तीन ग्लास भरे और दोनो को एक

एक ग्लास पकड़ा दिया," गिरजा, तुम दो दो ग्लास पी लो फिर क़िसी किस्म की

मुश्किल नहीं होगी। कोई मानसिक तनाव है तो हट जायेगा। आलोक आ रहा है।

आलोक को फिल्म में लेने से कोई पैसा बाहर नहीं जाऐगा।

कैमरा घर के हर कॉर्नर में फिट कर के आता हूँ। तुम शराब का मज़ा लो" मैने

एक कैमरा घर के गेट के अंदर लगा लिया था की घर में आता हुआ हर कोई नज़र

आए और अगर उसको फिल्म में लेना हो तो ले सकें। दूसरा बेडरूम में जिसमें

में दो डबल बेड लगे हुए हैं, ,तीसरा माँ के रूम में और चोथा ड्राइंग रूम

में लगा दिया और रिकॉर्डर्स ऑन कर दिए। मैं खुद माँ के रूम में चला गया।

आंटी की चूत तो शेव की हुई थी और चमक रही थी लेकिन गिरजा की चूत पर कुछ

बाल थे। "मौसी, आप गिरजा की चूत को शेव करना। माँ आप टाँगें फैला कर रखो

और आंटी आपकी चूत को मसलना शुरू कर देंगी जिससे आपकी चूत में उतेजना

बढ़ेगी। फिल्म में मैं आप दोनो को छुप के देखूगा और आप मुझे पकड़ लेंगी

और मुझे चुदाई के लिए बोलेगी, लेकिन आप ये बिग पहन लें

मैने गिरजा को एक छोटे बालों वाली बिग पहना दी और आंटी को एक काले बालों

वाली बिग पहना दी। खुद मैं ड्राइंग रूम में चला गया। अपने ग्लास से

चुस्की लेता हुआ शराब पी रहा था और सोच रहा था की दोनो रंडिया क्या कर

रही होंगी। तभी मुझे गिरजा की सिसकारी सुनाई पड़ी" अहह बस करो ममता

अह्ह्ह्हह उफ्फ्फ धीरे करो उइईई " ग्लास नीचे रख कर मैं उनके रूम की तरफ

बढ़ा। देखा की आंटी माँ की चूत पर झाग लगा रही हैं और माँ मस्ती में

सिसकारी ले रही है।

माँ के चेहरे के भाव और सिसकारी इस तरह से कामुकता से भरी हुई थी की

क़िसी भी ब्लू फिल्म की हीरोइन को मात दे रही थी। ये रिज़ल्ट शायद इसलिए

स्वभाविक था क्योंकि माँ बहुत चूतसी हालत में थी। अपनी माँ और ममता आंटी

को इस कामुक अवस्था में देख कर मैने चैन खोल कर लंड बाहर निकाल लिया और

हिलाने लगा। मेरी आँखों में वासना की चमक आ गयी थी। उधर मौसी ने रेज़र से

माँ की चूत को शेव करना शुरू कर दिया।

कैमरा सब कुछ क़ैद कर कर रहा था। तभी गिरजा की नज़र मेरे ऊपर गयी और वो

चौंक पड़ी। फिल्म में भी मैं उसका बेटा ही बना हुआ था।" हे भगवान बेटा

तुम ये क्या कर रहे हो ममता देखो निखिल क्या कर रहा है इसका कितना बड़ा

है ममता ने मेरी तरफ देखा तो बोली," गिरजा, कोई बात नहीं जो हम दोनो को

चाहिऐ तेरे बेटे के पास है निखिल बेटा अपनी मौसी और माँ को चोदना चाहोगे

? हम दोनो लंड की भूखी हैं! आवो बेटा हम को अपने लंड से चोद कर ठंडी कर

दो!

मैं कमरे में दाखिल हुआ। मेरी नज़र अपनी माँ की फैली हुई टाँगों के बीच

उसकी ताज़ी शेव की हुई चूत पर टिकी हुई थी। माँ की आँखें वासना से बंद हो

चुकी थी। मैं दोनो औरतों के पास गया तो ममता ने मेरा लंड पकड़ लिया। आंटी

के मुलायम हाथ के स्पर्श से मेरे जिस्म में करंट सा लगा। गिरजा ये सब देख

कर प्यासी नज़र से अपने बेटे को देख रही थी। मैने गिरजा की चूची को भींच

लिया और बोला" माँ तुम भी अपने बेटे का लंड पकड़ना चाहती हो?"

माँ ने वासना में अपना सिर हिला दिया।" माँ अपने बेटे के लंड से चुदवाना

चाहती हो?" उसने फिर से हाँ में सिर हिला दिया। ममता ने मेरा लंड चाटना

शुरू कर दिया था। मैने माँ का सिर पकड़ कर अपनी तरफ खींच लिया और उसके

होंठ अपने लंड से चिपका दिए," तो फिर चूस लो इसको , गिरजा और बना डालो

अपने बेटे को मादरचोद !!" मौसी और माँ दोनो बारी बारी मेरा लंड चूसने

लगी। एक लंड चुसती तो दूसरी मेरे अंडकोष चाट लेती।

मेरा लंड उनके थूक से भीग चुका था। "बेटा, अब देर मत करो। चोद डालो हम

दोनो को ऐसा लंड हमने पहले नहीं देखा, कितना मोटा है!!!" ममता बोल रही

थी। मैं दोनो से अलग होता हुआ बोला," तो चलो बेडरूम में। मेरा लंड भी आप

जैसी औरतों को चोदने के लिए तड़प रहा है।।" हम तीनो बेडरूम में चले गये

और मैं माँ और आंटी को चूमने लगा। फिर गिरजा के ऊपर चढ़ कर उसकी चूची

चूसने लगा और मौसी मेरा लंड चूसने लगी।

मैं ऐसे ऐगल से दोनो औरतों को पेश कर रहा था की उनके नंगे जिस्म मेरी

फिल्म को उतेजना पूर्ण बना दें। माँ का हाथ अब अपनी चूत पर रेंग रहा था।

अचानक माँ ने मेरा लंड ममता आंटी के मुहँ से खींच लिया और बोली," चोद

मुझे अब, बेटा। इस चूत की आग बुझा दे। मेरी चूत ठंडी कर के अपनी आंटी को

भी शांत कर देना" मैं भी गरम हो चुका था। मैं आंटी से बोला," आंटी, आप

माँ की चूत को चाटना शुरू करो। मैं अभी आकर इसको चोदता हूँ" मैं ये कह

कर बाहर निकला। गेट के बाहर आलोक खड़ा था। मुझे देख कर मुस्कुरा पड़ा

मेरा भाई मुस्कुराता भी क्यो ना, मैं उसको उसकी सगी माँ और मौसी चोदने

का मौका देने वाला था।' आलोक मादरचोद इतनी देर लगा दी क्या बात है। अब

अंदर चल जल्दी से और चुदाई शुरू कर मैं अभी आता हूँ। और बता दू क़िसी से

शरमाना नहीं। वो तैयार हैं सब कुछ करने के लिए तु जी भर के मज़े लेना"

मैं अपने रूम में जा कर देखने लगा की फिल्म ठीक से बन रही है या नहीं।

मैने कैमरे में देखा तो बहुत मज़ा आया। माँ ममता की टाँगों को फैला कर

उसकी चूत चाट रही थी। उनकी सिसकारीयो से लगता था की कोई बहुत बड़िया

विदेशी ब्लू फिल्म चल रही हो। उनको देख कर मेरा लंड बेकाबू हो गया और मैं

उसको ऊपर नीचे करने लगा। तभी आलोक पलंग के नज़दीक जा खड़ा हुआ और वो पहले

तो चौंक पड़ा जब उसने अपनी माँ को नंगा देखा लेकिन फिर गिरजा की चूची पर

हाथ फेरने लगा।

जब मैं वापस आया तो ममता से लिपट गया और उसको चूमने लगा। गिरजा और आलोक

चुंबन ले रहे थे।" माँ आलोक को भी नंगा कर दो ना बहुत चाहता है तुझे ये

साला मौसी तुम भी चुदाई के लिए तैयार हो जावो। आज गिरजा और ममता दोनो साथ

साथ चुदेगी। आंटी मैं तुझे घोड़ी बनाना चाहता हूँ" ममता मेरी बात सुन कर

घोड़ी बन गयी। जब उसने अपनी चूत ऊपर उठाई तो उसकी गांड का ब्राउन छेद

मुझे दिखाई पड़ा।

वासना के नशे में मैने उसकी गांड को चूम लिया और आंटी सिसकारी भर उठी" बस

बेटा बस, और मत तडपावो। अपनी चुदासी आंटी को चोद भी दो। मैने उसकी चूत पर

हाथ फेरा और पीछे से अपना लंड आंटी की चूत पर टिका दिया। मैने अपनी कमर

को आगे बढ़ा कर धक्का मार दिया। आंटी के मुहँ से हल्की चीख निकल गयी जब

मेरा लंड दनदनाता हुआ उनकी चूत में चला गया।

गिरजा आलोक का लंड चूस रही थी। लेकिन मेरी चुदाई देख कर बोली। आलोक, साले

अपने भाई से कुछ सीख। देख कैसे चोद रहा है अपनी मौसी को? अब तू भी चोद

डाल मुझे। शाबाश मेरे यार!"मेरे बिल्कुल बराबर गिरजा भी घोड़ी बन गयी और

आलोक उसको चोदने लगा। वक्त के साथ चुदाई की रफ़्तार तेज़ होती गयी। मेरी

माँ क़िसी थकी हुई कुत्तिया की तरह हाँफ रही थी। आलोक पूरे ज़ोर से मेरी

माँ को चोद रहा था और मैं अपनी आंटी की चूत में लंड डाल रहा था।

मेरे अंडकोष आंटी की गांड से टकरा रहे थे। कमरे में चुदाई का संगीत गूँज

रहा था। आलोक ने माँ की बगल में हाथ डाल कर उसकी चूची पकड़ी हुई थी और

उसको ज़ोर से भींच रहा था।"ऊऊऊऊ बेटा चोद मुझे ज़ोर से चोद मादरचोद तेरा

लंड मेरी चूत की गहराई तक घुस चुका है आआहह….मेरी बच्चेदानी से टकरा रहा

है बहुत सुख दे रहा है तेरा लंड बेटा…शाबाश चोद मुझे! गिरजा बोल रही थी।

अपनी माँ और मौसेरा भाई को देख कर मेरा जोश भी दुगना हो गया और मैं आंटी

को बेरहमी से चोदने लगा। ममता की साँस भी तेज़ी से चलने लगी और मैं उसकी

पीठ पर किस करने लगा" आअहह. बेटा ज़ोर से चूम ले अपनी आंटी को चोद ले

हरामी डाल दे सारा लंड मेरी चूत में है मार मुझे बेटा ज़ोर से मार…आआआहह

शाबाश निखिल!" मैं आंटी की गांड को थाम कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा।

मेरी बगल में गिरजा को मेरा यार चोद चोद कर निहाल कर रहा था। हम चारों

पसीना पसीना हो रहे थे और मुझे मालूम था की फिल्म बहुत अच्छी बन रही है।

लंड दोनो की चूत में "पचक, पचक" की आवाज़ करते हुए चुदाई कर रहे थे। आलोक

अब गिरजा की चूत पर चोट मारने लगा। वो जैसे जैसे गरम होता गया, मेरी माँ

की गांड को और ज़ोर से पीटने लगा। गिरजा की चूत लाल हो गई थी।

मैने भी उसको देख कर आंटी की गांड पर हाथ मारना शुरू कर दिया। मुझे लगा

की फिल्म में ऐसा सीन बहुत पसंद किया जाऐगा। कोई 10 मिनिट के बाद आलोक

बोला" निखिल मेरे यार क्यो ना पार्टनर बदल लिए जाये। तुम अपनी माँ का

टेस्ट देख लो और मैं अपनी माँ का मुझे अपनी माँ भी बहुत मस्त माल लग रही

है" मुझे अपने यार का ख्याल अच्छा लगा और मैने मौसी की चूत से लंड बाहर

खींच लिया और उसके नंगे जिस्म से अलग हो गया।



आलोक ने गिरजा को छोड़ दिया और फिर मैं अपनी माँ को किस करने लगा। आलोक

ने ममता के मूहँ में अपना लंड डाल दिया और बोला" माँ, चूस मेरा लंड तुझे

इस पर अपनी बहन की चूत के रस का स्वाद आयेगा चख कर देख गिरजा आंटी की चूत

कितनी नमकीन है! ममता आंटी उसी वक्त झुक कर अपने बेटे का लंड चूसने लगी।

मैं अपनी माँ को अपने ऊपर चढ़ा कर चोदना चाहता था। इस स्टाइल मैं मुझे

माँ की चूची साफ दिखाई पड़ेगी और उसको चूसने का आनंद भी मिल जाऐगा। मैने

गिरजा की चूत को मसल कर कहा,' माँ मैं अपना लंड उस चूत में घुसते देखना

चाहता हूँ जहाँ से मैं पैदा हुआ था तेरा दूध देखना चाहता हूँ जिनको चूस

कर मैं बड़ा हुआ हूँ तुझे उस लंड की सवारी करते देखना चाहता हूँ जो तेरी

कोख से निकला है गिरजा मेरी रानी मेरी माँ अपने बेटे के लंड पर सवार होकर

स्वर्ग का आनंद दे दो मुझे! मैं नीचे लेट गया और गिरजा बिना कुछ बोले

मेरा लंड पकड़ कर मेरी कमर पर सवार हो गयी और मेरे सुपडे पर अपनी चूत को

रगड़ने लगी।

आलोक ने ममता को पलंग के कोने तक खींच लिया और उसकी टाँगों को अपने कंधे

पर टीका लिया। ममता ने वासना के कारण अपनी आँखें बंद की हुई थी और

सिसकारी भर रही थी। गिरजा की आँखों में वासना के लाल डोरे झलक रहे थे जब

वो मेरा लंड अपनी चूत में घुसाने की कोशिश कर रही थी। मैने माँ की कमर कस

के पकड़ ली और अपनी कमर उठा कर लंड माँ की चूत में डाल दिया। मेरा लंड

माँ की चूत में फट से घुस गया और वो सिसकारी भर उठी"

मर गयी मेरी माँ उफ्फ बेटा तुमने तो मुझे आनंद से ही मार दिया निखिल अपने

बेटे के लंड का मज़ा क्या होता है मुझे तो पता ही ना था है निखिल, डाल दे

पूरा मेरी चूत में शाबाश बेटा चोद अपनी माँ को तेरा बिजनस अच्छा है चुदाई

की चुदाई कमाई की कमाई वा बेटा क्या लंड है मुझे पसंद है आलोक भी, अब

मेरा भी यार है मुझे धन्य कर दिया मेरे बेटे अपनी माँ की चूची चूस ले और

चूत चोद ले! मैं भला अपनी माँ के आदेश की पालना क्यो ना करता।

आदेश भी इतना मज़ेदार था की मैने गिरजा की मस्त चूची को थाम लिया और उसके

निपल चूसने लगा। माँ मेरे लंड पर उछलने लगी आलोक, साले मुझे भी ज़ोर से

चोद जैसे निखिल अपनी माँ को चोद रहा है। अगर तेरे अंदर भी मादरचोद बनने

का शौक है तो अपनी माँ को चोद डाल आज जी भर के ऊह्ह्ह हाँ ज़ोर से कस के

डाल मादरचोद।…आलोक बेटा और ज़ोर से!" आलोक की रफ़्तार भी तूफ़ानी हो चुकी

थी" ओह्ह्ह्हह्ह माआआ ममता मेरी माँ आज तक ऐसी चुदाई नहीं की है मैने…

जब तुम मुझे बेटा कह कर पुकारती हो तो मेरे लंड की शक्ति दोगुनी हो जाती

है आआआ ।…।मैं अब रुक ना सकूँगा मेरी माँ !"मुझे भी लग रहा था मेरा लंड

जल्द ही झरने वाला है। गिरजा भी अब अपनी गांड तेज़ी से ऊपर नीचे कर रही

थी। कमरा चुदाई की सिसकारीयो से गूँज रहा था। लंड रस और चूत रस की महक

कमरे में फैल चुकी थी। मैं और आलोक तेज़ी से धक्के मार कर दोनो औरतों को

चोद रहे थे।

मेरे अंडकोष अब मेरा रस मेरे लंड की तरफ उठा रहे थे और एक कामुक चीख मार

कर मैं झरने लगा," ऊऊऊ…।।हाईई…।ऊऊऊओ…आआआआः!" गिरजा का जिस्म ऐसे काप रहा

था जैसे उसको बहुत बुखार हो। वो पागलों की तरह चुदाई के आनंद सागर में

डूब रही थी। मेरी माँ की चूत से रस की धारा बहने लगी। उधर आलोक ताबड तोड़

अपनी माँ को चोद रहा था।

ममता की चूची को आलोक के हाथ मसल रहे थे और दोनो मस्ती के सागर में गोते

लगा रहे थे, बेटा, मैं झड़ गयी। चोद आलोक मेरे लाल…मेरी चूत पानी छोड़

रही है ऐसी चुदाई तो तेरे नपुंसक बाप ने भी नहीं की कभी…बेटा चोद डाल

अपनी चुदासी माँ को! " उसी वक्त मेरे लंड का पानी निकल गया। और आलोक भी

धक्के मारता हुआ खलास होने लगा। धीरे धीरे चुदाई का तूफान शांत होने लगा

और हम दोनो अपनी अपनी माँ के ऊपर ढेर हो गये।

धन्यवाद …